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चुनावी साल में सिंधिया का दामन छोड़ बैजनाथ यादव की घर वापसी, शिवपुरी के पूर्व जिलाध्यक्ष रहे यादव के साथ 200 समर्थकों ने भी थामा कांग्रेस का दामन, नाथ-दिग्गी-अरूण की मौजूदगी में ली सदस्यता

भोपाल ।  शिवपुरी के कद्दावर नेताओं में शुमार बैजनाथ यादव की आखिरकार चुनावी साल में कांग्रेस में घर वापसी हो ही गई। एक समय ज्योतिरादित्य सिधिया के बेहद करीबी माने जाने वाले यादव उनके साथ 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, लेकिन चुनाव से ठीक पहले उन्होंने पाला बदल लिया। बैजनाथ यादव ने आज अपने तकरीबन 200 समर्थकों के साथ वापिस कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। बैजनाथ यादव शिवपुरी के पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं और उनकी पत्नी कमला यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं। बैजनाथ के साथ तकरीबन 15 जनपद सदस्यों ने भी भाजपा से कांग्रेस का रुख किया है।

नाथ-दिग्गी-अरूण की तिकड़ी ने किया इस्तकबाल

बैजनाथ यादव को सिंधिया खेमे से तोड़कर वापस कांग्रेस के पाले में लाने के पीछे के सूत्रधार अरुण यादव और जयवर्धन सिंह हैं। यही वजह रही कि आज पीसीसी कार्यलाय में जब कांग्रेस की सदस्यता लेने के लिए बैजनाथ यादव अपने समर्थकों के साथ पहुंचे, तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के साथ पूर्व सीएम और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह भी मौजूद रहे। इसके साथ ही अपनी घर वापसी को सुर्खियों में लाने के लिए बैजनाथ यादव तकरीबन 100 वाहनों का काफिले लेकर भोपाल पहुंचे थे। पिछले कुछ समय से बैजनाथ यादव और सिंधिया की भी आपस में नहीं बन पा रही थी। इसके अलावा बीजेपी में बैजनाथ यादव को ज्यादा तवज्जो नहीं मिल रही थी। हालांकि उनकी कांग्रेस में वापसी से पहले BJP ने उन्हें नोटिस जरूर थमा दिया था।

शिवपुरी में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ीं

शिवपुरी की पांच सीटों पर यादव और ओबीसी का बाहुल्य माना जाता है। ये ओबीसी वोटर अब तक सिंधिया के साथ माने जाते थे लेकिन 2019 में हालात बदल गए थे। उस समय के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण ओबीसी वोटर सिंधिया को चुनाव में मात देने वाले केपी यादव के साथ चले गए थे। इसकी वजह से सिंधिया गुना-शिवपुरी लोकसभा सीटों पर एक लाख से ज्यादा वोटों से हारे थे। अब बैजनाथ यादव के आने से ओबीसी तबके को लुभाने में कांग्रेस को ज्यादा कामयाबी मिलने की उम्मीद है। इधर, इलाके के वर्तमान सांसद डॉ केपी य़ादव की भी सिंधिया से खटर-पटर जगजाहिर है और वे भी ऐन समय में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस मे घर वापसी कर सकते हैं।  ऐसे में बीजेपी को ओबीसी वोटरों को अपने पाले में बनाए रखने में मुश्किल हो सकती हैं।

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