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हंसी-ठहाके के लिए स्टैंड-अप कॉमेडियन सुना रहे क्रंची जोक्स और कॉमेडी स्टोरीज, स्वस्थ रहने लोग ले रहे लाफ्टर थैरेपी

स्टैंड-अप कॉमेडियन्स ने कहा, हमारे जोक्स याद करके इंसान हंस लें, यही हमारी सक्सेस

अनुज मीणा- हंसना स्वास्थ्य के लिए सबसे बेहतरीन दवा है। इसके पीछे कई वजहें भी हैं। यह दर्द से राहत दिला सकता है, मूड को भी ठीक करता है और इम्यूनिटी को भी बढ़ता है। हंसनेहंसा ने का काम अब बिजनेस का रूप भी ले चुका है। यही वजह है कि हास्य कवियों के सम्मेलन हो या यंगस्टर्स के स्टैंड-अप कॉमेडी शो, इनमें युवाओं से लेकर पचास पार तक की जमकर बैठक जमती है। दूसरी ओर शहर में देश के नामी-गिरामी स्टैंडअ प कॉमेडियन भी परफॉर्मेंस देने आने लगे हैं, जिनके शो हाउसफुल जाते हैं।

बुक माय शो पर जाएं तो आने वाले दिनों में भोपाल में होने वाले स्टैंड-अप कॉमेडी शो का शेड्यूल तक देखा जा सकता है, जिनकी टिकट रेट 300 से लेकर 900 रुपए तक होती है। वहीं शहर के कई पार्कों में लाफ्टर क्लब में भी लोग लाफ्टर थैरेपी लेने के लिए शामिल होते हैं। इनमें अधिकतर बुजुर्ग होते हैं।

लाफ्टर क्लब में 90 से अधिक उम्र के लोग भी होते हैं शामिल

एकांत पार्क में लंबे समय से लाफ्टर क्लब में लोग लाफ्टर थैरेपी लेने के साथ ही योगा करने के लिए आते हैं। इस क्लब में करीब 20 मेंबर हैं। इनमें 90 वर्ष से भी अधिक उम्र के लोग भी शामिल हैं। इस दौरान लोगों को हंसाने के साथ ही योगा भी कराया जाता है। इससे लोग स्ट्रेस फ्री रहते हैं।

लाफ्टर क्लब में सुबह एक घंटे हंसने के साथ करते हैं योगा

एकांत पार्क में साल 2003 के लाफ्टर क्लब की शुरुआत की गई थी। इसमें क्लब समय 20 से अधिक मेंबर शामिल होकर सुबह 7.15 से 8.15 बजे तक लाफ्टर थैरेपी लेते हैं। इसकी शुरुआत में हम बनावटी हंसी के साथ ठहाका लगाकर हसंते हैं। इस दौरान लाफ्टर थैरेपी के लिए कई क्रियाएं कराई जाती हैं। थैरेपी के दौरान मेंबर से जलेबी बनाने के लिए कहा जाता है तो सभी अपनी कमर को गोल-गोल घुमाने लगते हैं। ऐसे में बनावटी हंसी धीरे-धीरे रियल हंसी में बदल जाती है। इस एक घंटे में योग भी करते हैं। – शक्ति गौर, मेंबर, लाफ्टर क्लब

लोगों को हंसाने राजनीति और पत्नी पर लिखता हूं व्यंग्य

मैं शुरू से ही मजाकिया स्वभाव का रहा हूं। नौकरी से रिटायर होने के बाद पिछले 20 साल से हास्य-व्यंग्य पर पैरोडी लिख रहा हूं और मंच पर सुना रहा हूं। मेरी पैरोडी में राजनीति और पत्नी पर व्यंग्य अधिक शामिल होते हैं। इतना अनुभव हो गया है कि अब समझ आने लगा है कि लोगों को क्या पसंद आता है। इसलिए जो लिखता हूं वह लोगों को पसंद आ जाता है। नौकरी के दौरान भोपाल के साथ ही रतलाम, इंदौर में कवि सम्मेलन में शामिल था, लेकिन अब देशभर में कविताएं सुनाने जाता हूं। – राकेश वर्मा ‘हैरत’, हास्य कवि

जॉब के साथ पैशन के लिए करते हैं स्टैंप-अप कॉमेडी

मैं जॉब करने के साथ ही स्टैंड-अप कॉमेडी भी कर रहा हूं क्योंकि यह हमारा पैशन है। कई सालों से लोगों को हंसाते हुए पता चल जाता है कि अब वो किन बातों पर हंसेंगे। सोसायटी के टैबू टॉपिक्स से लेकर जो हम देखते हैं, उसे किस्से, पैरोडी और स्टोरी के रूप में पेश करते हैं। मैं भोपाल के अलावा हैदराबाद, इंदौर, लखनऊ जैसे शहरों में परफॉर्मेंस देता हूं। -तरुण साहारिया, स्टैंड-अप कॉमेडियन

यूट्यूब पर कॉमेडी वीडियोज पर लाखों में आते हैं व्यूज

हमने ओपन माइस में प्रैक्टिस करके शो तक पहुंचने का मुकाम बनाया है। मैं हंसाने के लिए क्रंची जोक्स क्रेक करता हूं तो कभी ऐसे टॉपिक्स भी लेता हूं जिन पर लोग बात करने से बचते हैं लेकिन कॉमेडी के माध्यम से उन पर बात हो पाती है। मैं 500 शो कर चुका हूं। मेरे यूट्यूब पर वीडियोज पर दो लाख से लेकर तीन लाख तक व्यूज आते हैं। -सुमित मिश्रा, स्टैंड-अप कॉमेडियन

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