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एप्पल ने स्पाइवेयर हमलों पर 91 देशों में आईफोन यूजर्स को किया अलर्ट

नई दिल्ली। आईफोन मैन्यूफैक्चरर एप्पल ने 91 देशों में अपने यूजर्स को पेगासस जैसे स्पाइवेयर हमलों को लेकर आगाह करते हुए कहा है कि कुछ लोगों को इनका निशाना बनाया जा रहा है। स्पाइवेयर हमलों की जद में आने वाले लोगों में पत्रकार, कार्यकर्ता, राजनेता और राजनयिक शामिल हैं। इस चेतावनी से वे लोग चिंता में हैं जिन्होंने बड़ी रकम खर्च कर आईफोन लिया है। एप्पल ने इस खतरे की अधिसूचना में पिछले रिसर्च और रिपोर्टों के आधार पर यह संकेत दिया है कि ऐसे हमलों का संबंध ऐतिहासिक रूप से सरकार से जुड़े पक्षों से रहा है।

चुनाव के पहले आई चेतावनी

यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब भारत समेत करीब 60 देशों में इस साल चुनाव होने जा रहे हैं। कंपनी ने कहा, खतरे की सूचनाएं उन उपयोगकर्ताओं को सूचित करने और मदद करने के लिए तैयार की गई है, जिन्हें व्यक्तिगत रूप से भाड़े के स्पाइवेयर (मर्सीनरी स्पाइवेयर) हमलों से निशाना बनाया गया हो। ऐसे हमले नियमित साइबर क्राइम एक्टिविटी और मालवेयर की तुलना में बहुत अधिक जटिल होते हैं।

सभी निशाने पर नहीं

एप्पल ने इन हमलों को लेकर जारी एक सूचना में यह भी कहा कि अक्सर ऊंची लागत आने की वजह से कम संख्या में ही स्पाइवेयर को तैनात किया जाता है।

भारत में कुछ यूजर्स को कंपनी ने भेजा मेल

एप्पल ने 11 अप्रैल को भारतीय समयानुसार रात करीब 12:30 बजे कुछ यूजर्स को चेतावनी का मेल भेजा है। इसमें लिखा है- अलर्ट : एप्पल ने आपके आईफोन पर एक टार्गेटेड मर्सीनरी स्पाइवेयर अटैक का पता लगाया है। एप्पल ने पाया है कि आप एक मर्सीनरी स्पाइवेयर अटैक का शिकार हो रहे हैं। यह स्पाइवेयर आपके एप्पल आईडी से जुड़े आईफोन को दूर से (रिमोटली) ही हैक करने की कोशिश कर रहा है। कृपया इसे गंभीरता से लें। इस मेल में मर्सीनरी स्पाइवेयर अटैक से कम लोगों के प्रभावित होने की बात भी कही गई है।

मुश्किल है हमले रोकना

एप्पल ने कहा कि भाड़े के स्पाइवेयर हमलों की कीमत काफी ज्यादा होती है। इसके अलावा हमले की अवधि कम होने से उनका पता लगा पाना और उन्हें रोक पाना खासा मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा अधिकांश उपयोगकर्ताओं पर ऐसे हमले कभी भी नहीं किए जाते हैं। इनमें सरकार की तरफ से भाड़े के स्पाइवेयर विकसित करने वाली निजी कंपनियां भी शामिल हैं, जिनमें एनएसओ ग्रुप का स्पाइवेयर पेगासस भी है। पेगासस ने वॉट्सऐप पर मिस कॉल देकर मोबाइल हैक कर लिया था।

यूजर्स को यह दी सलाह

स्पाइवेयर हमलों से बचने के लिए कंपनी ने उपयोगकर्ताओं को लॉकडाउन मोड को एक्टिव करने का सुझाव दिया है। कंपनी ने कहा, एप्पल ऐसे हमलों का पता लगाने के लिए पूरी तरह से आंतरिक खतरेखुफि या जानकारी और जांच पर निर्भर करता है।

पहले भी हो चुका है विवाद :

भारत में मोबाइल फोन की जासूसी को लेकर पहले भी विवाद हो चुके हैं। पिछले साल ही विपक्ष ने पेगासस के माध्यम से कई फोन हैक कराने का आरोप लगाया था।

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