
भोपाल। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय और इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित 7वां अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन भोपाल में आयोजित होगा। इस बार सम्मेलन की थीम मानववाद का सिद्धांत (Eastern Humanism in New Era) पर केंद्रित है। 03 मार्च से 05 मार्च 2023 तक कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सभागार में होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 मार्च को दोपहर 12 बजे करेंगी।
उद्घाटन समारोह में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर और सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता शामिल होंगे।
वैश्विक विचारों को मंच देने वाला कार्यक्रम
धर्म- धम्म के वैश्विव विचारों को एक मंच प्रदान करने वाले इस सम्मेलन में 15 देशों से 350 से अधिक विद्वान शामिल हो रहे हैं। इस बार भूटान, मंगोलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, वियतनाम, नेपाल, दक्षिण कोरिया, मॉरिशस, रूस, स्पेन, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन भी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
#भोपाल में होगा 7वां #अंतरर्राष्ट्रीय_धर्म_धम्म_सम्मेलन। राष्ट्रपति @rashtrapatibhvn करेंगी उद्घाटन। 3 मार्च से 5 मार्च तक चलेगा आयोजन। 15 देशों से 350 विद्वान, चिंतक, शोधार्थी लेंगे हिस्सा : #डॉ_नीरजा_गुप्ता, कुलपति सांची यूनिवर्सिटी।#InternationalDharmaDhammaConference pic.twitter.com/j9oxLUjoZZ
— Peoples Samachar (@psamachar1) February 27, 2023
तीन दिन में होंगे चार सत्र
इस सम्मेलन में तीन दिन में 4 मुख्य सत्र होंगे। इसमें 25 विद्वान अपने-अपने विषय का प्रेजेंटेशन देंगे। यहां 15 समानातंर सत्र भी होंगे। इनके जरिये सम्मलेन की थीम ‘नए युग में मानववाद का सिद्धांत ‘(Eastern Humanism in New Era) पर केंद्रित 115 रिसर्च पेपर पढ़े जाएंगे। इस बार के सम्मलेन में एक अनूठा मंत्री सत्र भी होगा, जिसमें 5 देशों के मंत्री सांस्कृतिक सामंजस्य और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे। इस सत्र में भूटान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, नेपाल और भारत के मंत्री शामिल होंगे।
सम्मेलन की सह-अध्यक्ष और सांची विवि की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन भारत से प्रतिपादित मानवीय मूल्यों के वैश्विक असर को रेखांकित करता है। पश्चिम के देशों में भारतीय संस्कृति और दर्शन से प्रतिपादित सिद्धातों के प्रति बहुत जिज्ञासा है। सांची यूनिवर्सिटी इसी दिशा में शोध और अध्ययन पर केंद्रित है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे
इस आयोजन के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होगी। इनमें मध्यप्रदेश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर से दर्शकों को रूबरू कराया जाएगा। इस दौरान जनजातीय नृत्य का आयोजन होगा। देश-विदेश में प्रसिद्धि पा चुके मध्य प्रदेश की धूलिया जनजाति के गुदुंग बाजा का भी प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा मां नर्मदा को समर्पित लोकगीतों की प्रस्तुति भी होगी।
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