सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में गुरुवार को एक पुरानी इमारत का छज्जा गिरने से दादी और पोती की मौत हो गई। जबकि, एक गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना लगने पर पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कार्य शुरू किया। नगर निगम ने जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर शवों को बाहर निकाला और घायल को अस्पताल पहुंचाया। यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
बाहर बैठकर धूप सेंक रहा था परिवार
पुलिस के मुताबिक, हादसा सतना के गौशाला चौक के पास हुआ। यहां मकान मालिक रमेश अग्रवाल अपनी पत्नी सुशीला देवी और पोती चीकू उर्फ कौशिकी अग्रवाल के साथ दोपहर को बाहर बैठकर धूप सेंक रहे थे। इसी दौरान पुराने भवन का छज्जा भरभरा कर गिर गया। जिसके मलबे में तीनों दब गए। मलबे में दबने से सुशीला देवी अग्रवाल (65) और उनकी 6 साल की पोती कौशिकी की मौत हो गई। जबकि, रमेश अग्रवाल गंभीर रूप से घायल हो गए।
सासंद ने दिए जांच के निर्देश
स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस और नगर निगम को दी। दोनों टीमें मौके पर पहुंची और जेसीबी से मलबा हटाकर तीनों को बाहर निकाला गया। पुलिस ने तीनों को अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने दादी और पोती को मृत घोषित कर दिया। इस मामले पर क्षेत्र के सांसद गणेश सिंह ने संज्ञान में लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को जांच करने और घायल को जरूरत पड़ने पर इलाज के लिए हायर सेंटर ले जाने के निर्देश दिए हैं।
जांच में जुटी पुलिस
इधर, हादसे के बाद घटनास्थल पर लोगों की भीड़ लग गई। जानकारी के मुताबिक, यह तीन मंजिला इमारत काफी पुरानी थी। जिसके बाद भी यहां कुछ लोग रहते थे। गनीमत रही कि इस दौरान ज्यादा लोग अंदर नहीं थे। वहीं, स्थानीय लोगों ने हादसे के लिए नगर निगम को दोषी ठहराया। उनका कहना है कि बेतरतीब निर्माण और तोड़फोड़ की वजह से इमारत की नींव हिल गई है। लेकिन नगर निगम ने इस बारे में कोई संज्ञान नहीं लिया। फिलहाल, पुलिस मामले में हर ऐंगल से जांच कर रही है।
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