
ग्वालियर। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए तंज कसा है कि प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू कर दिया गया है। राजा पटेरिया और सोशल एक्टिविस्ट आनंद राय इसका एक उदाहरण है। डॉ. सिंह ने गृहमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि श्योपुर जिले के वीरपुर से तीन चरवाहों का अपहरण किसने किए, जबकि वे कहते हैं कि अब प्रदेश में कोई डकैत नहीं है।
राजा पटेरिया के साथ हुआ अत्याचार
ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में डॉ. सिंह ने कहा कि मैने राजा पटेरिया और आनंद राय दोनों से मुलाकात की है। आनंद राय को छह वाय छह के एक कमरे में रखा है। उसमें रोशनदान हुआ करता था वह भी बंद कर दिया गया। उसी कमरे में टायलेट है और सोने के लिए न तो ठंड के हिसाब से पर्याप्त रजाई-गद्दे या कंबल है और न अन्य सामान। कंबल भी इतना पुराना दिया है कि उसमें 100 ग्राम करीब ऊन निकली है।
सामान्य किसी व्यक्ति को मिलने की छूट भी नहीं है। इसी तरह का अत्याचार राजा पटेरिया के साथ किया जा रहा है। एक दिन में दो लोग मिल सकते हैं ज्यादा नहीं। पटेरिया ने बातचीत में जिक्र किया है कि ऐसा अत्याचार उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। आदिवासी भी सुरक्षित नहीं हैं।
ज्ञापन देने गए थे NSUI कार्यकर्ता, पिटवाया
जीवाजी विश्वविद्यालय में कुलपति को ज्ञापन देने एनएसयूआई कार्यकर्ता गए थे। एबीवीपी और बजरंग दल के लोगों ने छात्राओं को आगे करके एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पिटाई लगवाई। दतिया में भी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने अत्याचार किया है।
श्योपुर में अपहरण हुए, अब तक पता नहीं
चार दिन पहले श्योपुर के वीरपुर से तीन चरवाहों का अपहरण किया गया है, लेकिन अब तक कुछ भी पता नहीं चला। सरकार कहती है कि डकैत गिरोह नहीं है फिर चरवाहों को ले जाने वाले लोग कौन है?