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पश्चिम बंगाल में मिलीं BSF की लापता 2 लेडी कॉन्स्टेबल, पूछताछ में बोलीं- अपनी मर्जी से एक साथ गए… आखिरी बार 6 जून को देखा गया था

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर से लापता हुईं बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की दो लेडी कॉन्स्टेबल पश्चिम बंगाल में मिल गई हैं। पुलिस ने शहाना खातून और आकांक्षा निखर को मुर्शिदाबाद बॉर्डर से पकड़ा है। जब बीएसएफ के अधिकारी ने इन दोनों से पूछताछ कि तो उन्होंने बताया कि वह अपनी मर्जी से एक साथ गई थीं। बता दें कि दोनों लेडी कॉन्स्टेबल को आखिरी बार 6 जून 2024 को देखा गया था।

थाने में गुमशुदगी दर्ज थी

जानकारी के मुताबिक, ग्वालियर की टेकनपुर छावनी से लापता हुईं BSF की लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर जबलपुर और शहाना खातून पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की रहने वाली हैं। इस मामले में BSF ने बिलौआ थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी।

आकांक्षा की मां ने शहाना पर अपहरण का आरोप लगाया था

जबलपुर की रहने वाली लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ने ग्वालियर में पुलिस की जनसुनवाई में शिकायत की थी। उर्मिला ने 2 जुलाई को ग्वालियर एसपी से गुहार लगाई थी। उन्होंने शहाना खातून पर अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाया था।

BSF की लेडी कॉन्स्टेबल आकांक्षा निखर

ऐसे दोस्त बने आकांक्षा और शहाना

जबलपुर के जोगी मोहल्ला निवासी आकांक्षा निखर (30) बीएसएफ के सहायक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षक के पद पर पदस्थ थीं। दिसंबर 2023 में उसकी रूम पार्टनर 15 दिन की छुट्टी पर चला गया था। इसी बीच पश्चिम बंगाल की शहाना खातून ने खुद को बीएसएफ टेकनपुर में अटैच कराया था। आकांक्षा का रूम खाली होने पर शहाना को उसके साथ रहने की इजाजत दे दी गई। यहीं से दोनों के बीच काफी गहरी दोस्ती हो गई। दोनों टेकनपुर छावनी में किसी से बात नहीं करती थीं। सभी से दूरियां बना ली थीं। दोनों एक-दूसरे के घर जाकर भी रह चुके हैं। लेकिन, इस दौरान किसी को भनक तक नहीं लगी कि वह क्या करना चाहती हैं।

BSF की लेडी कॉन्स्टेबल शहाना खातून

यहां मिली आखिरी लोकेशन

बीएसएफ ग्वालियर, बीएसएफ पश्चिम बंगाल, एसआईटी और ग्वालियर की इंटेलिजेंस टीमें दोनों लेडी कॉन्स्टेबल की तलाश में जुटी हुई थीं। एसआईटी की जांच के आधार पर थाने में शहाना के खिलाफ आकांक्षा के अपहरण की एफआईआर दर्ज की गई। शहाना की बहन और परिवार के अन्य सदस्यों को आरोपी बनाया गया था। दोनों को बरामद करने के लिए टीम 3 जुलाई को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के लिए रवाना हुई थी। दोनों की आखिरी लोकेशन मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में मिली थी। लोकेशन मिलने के बाद पुलिस लगातार दोनों की तलाश कर रही थी। आख़िरकार दोनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

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