ताजा खबरराष्ट्रीय

रुपया 39 पैसे गिरकर 87.46 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर, वैश्विक व्यापार युद्ध और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने भारतीय मुद्रा पर डाला दबाव

मुंबई। वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका गहराने और निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की प्रवृत्ति हावी होने के कारण बुधवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 39 पैसे गिरकर 87.46 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की संभावित नीतिगत ब्याज दर में कटौती और अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने रुपए पर दबाव बनाया।

विदेशी मुद्रा बाजार में रुपए का प्रदर्शन

बुधवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 87.13 पर कमजोर शुरुआत के साथ खुला और सत्र के दौरान 87.49 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक चला गया। कारोबार के अंत में रुपया 87.46 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जिसमें पिछले दिन के 87.07 के मुकाबले 39 पैसे की गिरावट हुई।

मंगलवार को रुपए में मामूली चार पैसे की मजबूती देखी गई थी, लेकिन वैश्विक घटनाक्रम और विदेशी निवेशकों की सतर्कता के कारण बुधवार को इसमें तेज गिरावट आई।

वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका ने बढ़ाई अनिश्चितता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से सामान आयात करने वाली अमेरिकी कंपनियों पर 10% आयात शुल्क लगाने पर जोर दे रहे हैं, जिससे वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ गया है।

इसके जवाब में चीन ने भी मंगलवार को अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाने और गूगल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा-रोधी जांच शुरू करने की घोषणा की। इससे बाजार में अनिश्चितता और अस्थिरता बढ़ गई, जिसका असर रुपए पर भी पड़ा।

अमेरिकी डॉलर की मजबूती का असर

दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक बुधवार को 0.35% गिरकर 107.58 पर कारोबार कर रहा था। हालांकि, अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण अन्य वैश्विक मुद्राओं के साथ भारतीय रुपए पर भी दबाव बना रहा।

आरबीआई की ब्याज दर में कटौती की संभावना से बाजार सतर्क

बाजार विश्लेषकों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे आने से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं।

संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार को RBI रेपो दर में 0.25% की कटौती कर सकता है, जो पिछले पांच साल में पहली बार होगा। ब्याज दर में कटौती से रुपए पर और अधिक दबाव बढ़ सकता है क्योंकि इससे विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी कम हो सकती है।

शेयर बाजार पर भी दिखा असर

रुपये की कमजोरी और वैश्विक अनिश्चितताओं का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया। बीएसई सेंसेक्स 312.53 अंक (0.40%) गिरकर 78,271.28 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 42.95 अंक (0.18%) गिरकर 23,696.30 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने लंबे अंतराल के बाद भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध खरीदार के रूप में वापसी की। मंगलवार को उन्होंने 809.23 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे, जिससे बाजार में कुछ स्थिरता बनी रही।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा बुधवार को 0.51% गिरकर 75.81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट रुपए के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है, क्योंकि इससे भारत के आयात बिल पर दबाव कम होगा।

ये भी पढ़ें- इंदौर : पुलिसकर्मी की बाइक चोरी, 150 CCTV खंगालने के बाद आरोपी गिरफ्तार, 2.5 लाख रुपए के पांच वाहन जप्त

संबंधित खबरें...

Back to top button