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प्रदेश में 26 लाख से ज्यादा पर्यटक बाघ देखने पहुंचे, विभाग की कमाई 13% बढ़ी

एक साल में 11 फीसदी पर्यटक बढ़े और रोजगार के अवसर भी

पुष्पेन्द्र सिंह/भोपाल। मंडला में व्याख्याता कुलदीप कठल कहते हैं कि कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघ के नजर आने से पैसे वसूल हो जाते हैं। बालाघाट के श्रीनिवास चौधरी बताते हैं कि कान्हा टाइगर रिजर्व से हर दिन कम से कम 300 लोगों को रोजगार मिल रहा है। ग्रामीण आरती गौंड़ के अनुसार हर दिन चटनी के साथ कोदो-कुटकी की रोटी खिलाने से तीन-चार सौ रुपए की कमाई हो जाती है। नेशनल अवॉर्ड प्राप्त पन्ना टाइगर रिजर्व में गाइड मनोज दुबे कहते हैं कि 131 गाइड को रोजगार मिल रहा है। अकेले मड़ला गेट से ही 90 वाहनों का आना-जाना रहता है। दरअसल, प्रदेश के 11 नेशनल पार्क और 24 अभयारण्यों में देशीविदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 2023 में 26.49 लाख पर्यटक पहुंचे। वहीं वन विभाग कमाई एक साल में 48.56 करोड़ से बढ़कर 55.65 करोड़ पहुंच गई। मालूम हो कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण की रिपोर्ट में प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को देश में दूसरा स्थान मिला था।

कारण: बाघों के बढ़ने से आकर्षित हो रहे पर्यटक

प्रदेश में बाघों की संख्या वर्ष 2018 में 526 थी जो वर्ष 22 की गणना में बढ़कर 785 हो गई। इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वाइल्ड लाइफ टूरिस्ट में कान्हा टाइगर रिजर्व आज भी सबसे आगे है, यहां की कमाई भी सबसे अधिक 8 करोड़ तक है। पचमढ़ी के साथ सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सभी प्रकार के पर्यटकों के आने से यहां संख्या सबसे ज्यादा हो जाती है। बड़ी बात है कि कभी बाघ विहीन रहे पन्ना टाइगर रिजर्व अब 90 से ज्यादा टाइगर हैं, इससे पर्यटकों की संख्या पचास हजार से बढ़कर दो लाख से अधिक हो गई है। कमाई भी छह करोड़ तक पहुंच गई है।

प्रदेश सरकार के नवाचार भी

प्रदेश सरकार ने भी टाइगर रिजर्व में काफी काम किया है जिससे पर्यटकों को सुविधाएं मिल रही हैं। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने ईको विकास समितियों को प्रभावी ढंग से पुनर्जीवित करने में किया है। कान्हा-पेंच वन्य-जीव विचरण कारिडोर का प्रबंधन स्थानीय समुदायों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक संगठन करते हैं।

μलेश बैक : प्रभावी प्रबंधन में सतपुड़ा देश में दूसरे नंबर पर था

अप्रैल 2023 में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी टाइगर रिजर्व के प्रभावी प्रबंधन की रिपोर्ट में देश के टॉप फाइव टाइगर रिजर्व में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को देश में दूसरा स्थान मिला था।

आसानी से दिखते हैं टाइगर

पन्ना टाइगर रिजर्व के पास अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल खजुराहो के होने से टूरिस्ट बढ़े हैं। सड़कें भी बहुत अच्छी हैं। बेहतरीन पार्क प्रबंधन और सोशल मीडिया में प्रचार से फायदा हुआ। ज्यादातर ओपन फॉरेस्ट है। अंजना सुचित्रा तिर्की, फील्ड डायरेक्टर, पन्ना टाइगर रिजर्व

मप्र प्रमुख राज्य बना

कोविड काल को छोड़ दें तो हर साल पर्यटक पहले से ज्यादा आए। वर्ष 2024 के आंकड़े आना शेष है, उम्मीद है कि 26 लाख से अधिक होंगे। शनिवार और रविवार को अधिकांश टाइगर रिजर्व फुल रहते हैं। -शुभरंजन सेन, प्रभारी पीसीसीएफ , वन्यप्राणी

ये प्रमुख पार्क, जहां आते हैं सर्वाधिक पर्यटक (जुलाई 23 से जून 24 तक)

  • कान्हा टाइगर रिजर्व 2.41 लाख (संख्या सिर्फ वाइल्ड लाइफ टूरिस्ट है)
  • सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 3.49 लाख (कोर, व्यू पॉइंट पचमढ़ी और बफर शामिल)
  • पन्ना टाइगर रिजर्व 2.34 लाख (केन घड़ियाल और पांडवफॉल सहित)
  • बांधवगढ़ नेशनल पार्क 1.78 लाख्

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