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नीम करोली बाबा का भोपाल कनेक्शन : शहर में रहता है परिवार, पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के आग्रह पर ठहरे थे 10 दिन

पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के आग्रह पर नीम करौली बाबा 10 दिन भोपाल में ठहरे थे।

राजीव सोनी, भोपाल। हनुमान जी के अनन्य भक्त और प्रसिद्ध चमत्कारी संत रहे नीम करोली बाबा का भोपाल से गहरा नाता है। उनके चमत्कारों से जुड़े अनेक किस्से सुर्खियों में रहे हैं। भोपाल में बाबा के बड़े पुत्र अनेग सिंह शर्मा का परिवार पिछले 70 वर्षों से रह रहा है। एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स सहित अनेक अंतर्राष्ट्रीय सेलिब्रिटी बाबा के भक्त बन गए थे। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. शंकर दयाल शर्मा और बर्फानी दादा उनके शिष्य रहे। डाॅ. शर्मा के आग्रह पर बाबा 1970 में भोपाल आए थे, तब वह 10 दिन तक भोपाल में ठहरे थे। भोपाल में बेटे के यहां ठहरने के बजाए बाबा नेवरी मंदिर में रात्रि विश्राम करते थे। इस दौरान वह बेटे के घर, राजभवन, अरेरा कालोनी सहित कुछ अन्य स्थानों पर भी गए थे।

नीम करोली को अमरकंटक से था लगाव

मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का उद्‍गम स्थल अमरकंटक भी बाबा नीम करोली का पसंदीदा स्थल था, वहां वह बर्फानी दादा के आश्रम में रुकते थे। बर्फानी बाबा भी उनके लिए शिष्यवत थे। भोपाल निवासी बाबा के बड़े बेटे अनेग सिंह शर्मा का कोविड के दौरान डेढ़ साल पहले निधन हो गया। वह 1953 में भोपाल आकर बस गए थे और वल्लभ भवन में कार्यरत रहे। अब उनके पौत्र डाॅ. धनंजय शर्मा और उनका परिवार यहां रहता है, धनंजय बतौर चिकित्सक पिछले साल ही रिटायर हुए हैं। डाॅ. धनंजय कैंचीधाम और वृंदावन आश्रम से जुड़े हुए हैं।

बाबा पर बन रही बायोपिक

‘पीपुल्स समाचार’ से विशेष चर्चा में डाॅ. धनंजय शर्मा ने बताया कि बाबा का पूरा जीवन रहस्यों से भरा रहा। उनके जीवन पर अब भी कई लोग शोध कर रहे हैं। मुंबई के एक फिल्म निर्माता उनके जीवन पर फिल्म बना रहे हैं। बाबा 17 साल तक घर परिवार से दूर अज्ञात स्थान पर तपस्यारत रहे। उनके पास अनेक सिद्धियां थीं, उनके भक्त उन्हें हनुमानजी का अवतार मानते थे। डाॅ. धनंजय ने बताया कि उनका अपने दादाजी (बाबा) से विशेष लगाव था। वह उनके साथ आगरा, कैंची धाम सहित कई जगह गए थे, ढेरों संस्मरण हैं। भोपाल यात्रा के दौरान भी वह बाबा के साथ रहे और यहां मरघटिया, छोला और नेवरी स्थित मंदिर गए थे। उस दौरान बाबा लाल बंगला और राजभवन भी गए थे।

पत्रकार करंजिया ने किया दो दिन इंतजार

पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा सहित भोपाल की अनेक जानी-मानी हस्तियां तब बाबा से जुड़े हुए थे। डाॅ. धनंजय बताते हैं कि उन्हें याद है एक बार ब्ल्टि्ज के संपादक आरके करंजिया बाबा से मिलने के लिए वृंदावन आश्रम में दो दिन तक इंतजार करते रहे थे। देश -विदेश से आज भी हजारों की संख्या में बाबा के भक्त कैंची धाम, वृंदावन स्थित समाधि स्थल और अन्य आश्रमों में पहुंचते हैं।

‘मिरेकल ऑफ लव’ में रोचक घटनाओं का जिक्र

बाबा ने 11 सितंबर 1973 को वृंदावन में अपना शरीर छोड़ दिया था। बाबा के एक विदेशी भक्त रिचर्ड एलपर्ट (रामदास) ने नीम करोली बाबा के चमत्कारों पर ‘मिरेकल ऑफ लव’ नामक एक बेस्ट सेलर पुस्तक लिखी है। इसमें कई रोचक घटनाओं का जिक्र है। गृहस्थ आश्रम में बाबा के दो पुत्र थे जो अब दिवंगत हो चुके हैं। बेटी गिरजा आगरा में और पौत्र डाॅ धनंजय का परिवार भोपाल में रहता है।

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