इंदौरताजा खबरमध्य प्रदेश

इंदौर : हाथों में मशाल लिए आशा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी; मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल

हेमंत नागले, इंदौर। प्रदेशभर में आशा कार्यकर्ताओं का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। उनकी मांगों को लेकर देशभर में हड़ताल, ज्ञापन और रैली निकाली जा रही है। वहीं इंदौर के एमटीए कंपाउंड स्थित स्वास्थ्य विभाग के सामने शनिवार शाम आशा कार्यकर्ताओं ने हाथों में मशाल लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने प्रदेश सरकार के अमानवीय व्यवहार को लेकर मानव श्रृंखला बनाई गई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।

आशा कार्यकर्ताओं का कहना था कि, सभी जिले में अब तक मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दे चुके हैं। अपनी मांगों को लेकर लगातार सभी को अवगत करवाया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी सरकार उनकी किसी भी मांग को मानने को तैयार नहीं है।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं आशा कार्यकर्ता

गौरतलब है कि, मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को रोकने से लेकर महामारियों के रोकथाम एवं आम जनता की स्वास्थ्य की रक्षा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अति विशिष्ट काम के माध्यम से विश्वस्वास्थ्य संगठन से ग्लोबल हेल्थ लोडर के 6 अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड और दुनियाभर में नाम कमाने वाली मध्य प्रदेश की हजारों आशा कार्यकर्ताएं मात्र 2,000 रुपए के वेतन में काम करने के लिए मजबूर हैं। न्यायपूर्ण वेतन दिये जाने की मांग को लेकर प्रदेश की आशा कार्यकर्ताएं सालों से लगातार आंदोलन कर रही हैं, लेकिन इनकी मांगे पूरी नहीं की जा रही हैं।

सरकार, आम लोगों के लिये दिन रात काम कर रही आशा कार्यकर्ताओं एवं उनके परिवार के दर्द को समझने के लिये तैयार ही नहीं है। मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्य प्रदेश के द्वारा 24 जून 2021 को आशा को 10,000 एवं पर्यवेक्षकों को 15,000 रुपए निश्चित वेतन दिये जाने का अनुशंसा सरकार के पास भेजा, लेकिन सरकार ने इसे अभी तक लागू नहीं किया। इस अनुशंसा को लागू करने की मांग को लेकर प्रदेश की आशा, ऊषा पर्यवेक्षक 15 मार्च 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

प्रदेश सरकार पर लगाए आरोप

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि, अन्य राज्य सरकारें आशाओं को अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन देकर राहत पहुंचा रही है। आंध्र प्रदेश सरकार 8,000 रुपए अपनी ओर से मिलाकर 10,000 मानदेय दे रही है। इसी तरह अन्य राज्य सरकार भी अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन दे रही है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार आशाओं को अपनी ओर से कुछ भी नहीं दे रही है।

वेतन बढ़ाने को तैयार नहीं सरकार

प्रदेश सरकार पिछले 16 वर्षों से आशा एवं पर्यवेक्षकों का अमानवीय शोषण कर रही है। इस भीषण महंगाई में भी सरकार आशाओं का वेतन बढ़ाने के लिये तैयार नहीं है। इसलिए प्रदेश की आशायें न्यायपूर्ण वेतन की मांग को लेकर सरकार से आर या पार की लड़ाई में के मूड में है। आशाओं ने यह तय किया है कि अब 16 वर्ष के बाद कुछ न कुछ देकर निपटाने की बात नहीं चलेगी। जब तक आशाओं को जीने लायक वेतन सुनिश्चित नहीं किया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रखा जावेगा।

मध्य प्रदेश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें…

संबंधित खबरें...

Back to top button