
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। 14 दिन बाद वे हॉस्पिटल से घर आ गए हैं, उन्हें 12 दिसंबर को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में एडमिट कराया गया था। परिवार के मुताबिक 97 साल के आडवाणी को सर्दी-खांसी की परेशानी हुई थी, जो पॉल्यूशन के चलते और बढ़ गई।
इससे पहले, 26 जून को AIIMS दिल्ली में यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की निगरानी में उनका एक छोटा ऑपरेशन हुआ था। करीब एक हफ्ते बाद 3 जुलाई को रात 9 बजे अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अपोलो में भर्ती कराया गया था। हालांकि, एक दिन बाद ही वे घर आ गए थे। इसके बाद 6 अगस्त को भी उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था।
लंबे समय से अस्वस्थ हैं आडवाणी
दरअसल, लालकृष्ण आडवाणी पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। यही वजह है कि वो इन दिनों अपने घर पर ही रहते हैं और किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं। आडवाणी को इस साल देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था, लेकिन वो स्वास्थ्य की वजह से राष्ट्रपति भवन के आयोजन में नहीं पहुंच सके और उन्हें आवास पर ही भारत रत्न दिया गया था।
राष्ट्रपति ने आडवाणी को घर जाकर दिया था भारत रत्न
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 मार्च को उनके निवास पर जाकर उन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाजा था। इस दौरान उनके आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। 2015 में पद्म विभूषण सम्मान भी दिया गया था। आडवाणी वाजपेयी सरकार में उप प्रधानमंत्री थे। वो देश के गृह मंत्री भी रह चुके हैं।
14 साल की उम्र में संघ से जुड़े
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को अविभाजित भारत के सिंध प्रांत में हुआ था। पाकिस्तान के कराची में उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई की। जब देश का विभाजन हुआ तो उनका परिवार मुंबई आ गया, यहां पर उन्होंने कानून की शिक्षा ली। आडवाणी जब 14 साल के थे तभी संघ से जुड़ गए थे।
2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उप-प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले 1998 से 2004 के बीच NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। वे भाजपा के फाउंडर मेंबर्स में शामिल हैं। 2015 में उन्हें पद्म विभूषण मिला था।