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Republic Day : 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस, आखिर संविधान का क्या है महत्व ?

भारत इस बार 26 जनवरी को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र और हमारे संविधान की महिमा को दर्शाता है। यह केवल एक राष्ट्रीय उत्सव नहीं है, बल्कि उन अनगिनत बलिदानों और ऐतिहासिक घटनाओं की याद दिलाता है जिन्होंने भारत को एक संप्रभु और गणराज्य बनाने में योगदान दिया।

क्यों 26 जनवरी को मनाया जाता है गणतंत्र दिवस

26 जनवरी का चयन गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए किया गया क्योंकि इस दिन का ऐतिहासिक महत्व है। 26 जनवरी, 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) का संकल्प लिया था। इस संकल्प ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और भारतीयों के दिलों में स्वतंत्रता की भावना जगाई।

हालांकि भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था, इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यह दिन पूर्ण स्वराज की ऐतिहासिक घोषणा को सम्मानित करने के लिए चुना गया। इस दिन भारत ने ब्रिटिश शासन से पूरी तरह मुक्त होकर स्वयं को एक लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।

गणतंत्र दिवस का महत्व

गणतंत्र दिवस न केवल हमारे संविधान को लागू करने का दिन है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र और उसकी विविधता का उत्सव भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारा संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय के अधिकार देता है।

इस दिन दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ताकत और सांस्कृतिक झांकियां प्रदर्शित होती हैं। परेड की शुरुआत 21 तोपों की सलामी से होती है, जो देश के सर्वोच्च सम्मान का प्रतीक है।

संविधान निर्माण का इतिहास

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए संविधान सभा का गठन हुआ। डॉ बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता में मसौदा समिति ने इस ऐतिहासिक कार्य को अंजाम दिया। तीन साल की मेहनत के बाद, 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकार किया गया और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया।

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जिसमें 1,17,360 शब्द (अंग्रेजी संस्करण में) शामिल हैं। यह संविधान न केवल हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है, बल्कि यह हमारी विविधता में एकता का प्रतीक है।

क्या है संविधान की विशेषताएं

भारतीय संविधान न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है। यह देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाता है। यह हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाते हुए राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है।

इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस की परेड में देश की ताकत और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया जाएगा। देशवासियों के लिए यह दिन न केवल गर्व का अवसर है, बल्कि संविधान की शक्ति और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का भी दिन है।

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