भोपालमध्य प्रदेश

राजधानी में महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, CM शिवराज बोले- प्रेसिडेंट महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। बुधवार को वह महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन में शामिल हुईं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता हुई कि प्रदेश में 44 लाख स्वसहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं कार्य कर रही हैं। इस तरह कार्य कर ये न स्वयं सशक्त हो रही हैं, बल्कि प्रदेश और देश को भी सशक्त बना रही है।

महिला स्व-सहायता समूह कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनजातीय जीवन दृष्टि, कलाबोध, दैवीय आस्थाओं से जुड़ी विलक्षण बातों को नए सिरे से उद्भासित करते जनजातीय संग्रहालय का अवलोकन किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संग्रहालय स्थित जनजातीय जीवन वीथिका, जनजातीय परिवेश के बच्चों के खेलों पर केन्द्रित वीथिका, लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा व चिनहारी संग्रहालय स्टॉल का अवलोकन किया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इन वीथिकाओं के संबंध में परिचयात्मक जानकारी दी।

प्रेसिडेंट महिला सशक्तिकरण का प्रतीक : CM

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि हमारे अनुरोध पर हमारे बीच पधारीं राष्ट्रपति महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं। वह सहज, सरल, धैर्य और गंभीरता की मूर्ति हैं। उनका व्यक्तित्व सागर से ज्यादा गहरा है, हिमालय से ज्यादा ऊंचा है।

सीएम शिवराज सिंह चौहान की बड़ी बातें

  • महामहिम राष्ट्रपति जी का जीवन हमे प्रेरणा देता है। हिम्मत व उत्साह से भरता है। वह महिला सशक्तिकरण की सच्ची प्रतीक व हमारी आदर्श हैं। एक साधारण गरीब परिवार में जन्म लेकर वह अपनी मेहनत से सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं।
  • मेरी बहनें स्वसहायता समूहों के माध्यम से जुड़कर विभिन्न उत्पाद बना रही हैं और आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं।
  • मेरी बहनों, तुम अबला नहीं सबला हो। तुम चाहो तो सब कुछ कर सकती हो। तुम देवी का अंश हो और अनंत शक्तियों का भंडार हो।

  • आजीविका मिशन की हमारी दीदियां महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई हैं। 17 हजार से अधिक हमारी बहनें निकाय चुनाव जीतकर आई हैं।
  • मध्यप्रदेश की 40 लाख बहनों ने यह तय कर लिया था कि यह गरीब नहीं रहेंगी। उन्होंने आजीविका मिशन के माध्यम से स्व-सहायता समूह बनाए।

  • अब वह साबुन, कपड़े, सैनिटाइजर और आभूषण बनाती हैं। वह फल और सब्जियों के अलग-अलग उत्पाद बनाती हैं।
  • महामहिम राष्ट्रपति महोदया जी के सामने मेरी बहनों संकल्प लो कि आप अपनी मेहनत से नया इतिहास रचोगी। बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं करोगी और नशा मुक्त गांव बनाने में भी अधिकतम योगदान दोगी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संबोधन

  • भारतीय संस्कृति में माता को अत्यधिक सम्मान प्राप्त है। हमारे यहां कहते हैं कि त्वमेव माता च पिता त्वमेव और मातृ देवो भव: पितृ देवो भव:, इसमें भी मां को अधिक आदर व सम्मान दिया गया है।
  • शक्ति के लिए हम माता दुर्गा और माता काली को नमन करते हैं। इसीलिए पुराणों में भी माताओं को श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए मां बनने का सौभाग्य केवल महिलाओं को प्राप्त है।
  • मुझे प्रसन्नता हुई कि प्रदेश में 44 लाख स्वसहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं कार्य कर रही हैं। इस तरह कार्य कर ये न स्वयं सशक्त हो रही हैं, बल्कि प्रदेश और देश को भी सशक्त बना रही है।

  • यह प्रसन्नता की बात है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की साक्षरता बढ़ रही है। हमारी बहन, बेटियां आर्थिक रूप से समृद्ध भी हो रही हैं, इससे इनके जीवन स्तर में सुधार आ रहा है।
  • समाज सेवा, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, विज्ञान एवं अनुसंधान, खेलकूद, व्यवसाय तथा सैन्यबलों में हमारी बेटियां प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
  • नारी शक्ति का आदर करना तथा उनकी प्रगति के मार्ग को और अधिक प्रशस्त करना हमारे सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय कर्तव्य हैं।

  • यह प्रसन्नता की बात है कि यह महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन महिलाओं की प्रगति तथा उनकी प्रगति के आधार पर समाज को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।
  • महिलाएं स्वभाव से ही कम से कम संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना जानती है।

कार्यक्रम में ये वरिष्ठ नेता मौजूद रहे

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, महापौर मालती राय, विधायक कृष्णा गौर आदि शामिल रहे।

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