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RBI Monetary Policy 2024 : महंगे ब्याज से नहीं मिली राहत, सातवीं बार रेपो रेट 6.5% पर बरकरार; FY25 में GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास ने शुक्रवार (5 अप्रैल) मॉनेटरी पॉलिसी (MPC) का ऐलान किया। वित्त वर्ष 2024-25 की पहली भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में ब्याज दरों यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 6.5 फीसदी पर बरकरार है। RBI ने लगातार सातवीं बार मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया। इसका मतलब है कि, ईएमआई में अभी राहत नहीं मिलेगी।

आखिरी बार फरवरी 2023 में हुआ था बदलाव

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि, मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया है। लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिजर्व बैंक की एमपीसी ने आखिरी बार 14 महीने पहले फरवरी 2023 में रेपो रेट में बदलाव किया था। उस समय रेपो रेट को बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया गया था।

हर वित्त वर्ष होती हैं कुल छह बैठकें

3 अप्रैल को शुरू हुई रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की यह बैठक 5 अप्रैल को समाप्त हुई। हर वित्त वर्ष में दो-दो महीने के अंतराल पर मौद्रिक नीति समिति की कुल छह बैठकें होती हैं। 1 अप्रैल 2024 से शुरू हुए वित्त वर्ष 2024-25 की यह पहली MPC बैठक थी। उससे पहले 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-24 की सभी छह बैठकों में रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर बनाए रखा गया था।

जीडीपी ग्रोथ पर RBI का अनुमान

  • FY25 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 7.2% से घटकर 7.1% रहने का अनुमान
  • FY25 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ अनुमान 6.8% से बढ़कर 6.9%
  • FY25 की तीसरी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7% पर बरकरार
  • FY25 की चौथी तिमाही के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 6.9% से बढ़ाकर 7% किया

महंगाई पर RBI गवर्नर ने क्या अनुमान जताया?

  • FY25 CPI यानी खुदरा महंगाई का अनुमान 4.5% पर बरकरार
  • FY25 की चौथी तिमाही पर CPI अनुमान 4.7% से घटकर 4.5%
  • FY25 की पहली तिमाही में CPI अनुमान 5% से घटकर 4.9%
  • FY25 की दूसरी तिमाही के लिए CPI अनुमान 4% से घटकर 3.8%

महंगाई पर क्या बोले RBI गवर्नर

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को लेकर कहा कि, ‘Elephant (inflation) has now gone out for a walk and heading to the forest’ यानी कोर महंगाई दर में कमी देखने को मिली है लेकिन ये आरबीआई के तय लक्ष्य 4 फीसदी से अभी ऊपर है। इसे नियंत्रित लक्ष्य में लाना हमारी प्राथमिकता है। वहीं, उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई 4.5% और रियल GDP ग्रोथ 7% रहने का अनुमान लगाया है।

क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट ?

जानकारी के मुताबिक, रेपो रट वे दर है जिस पर RBI द्वारा बैंकों को कर्ज दिया जाता है। बैंक इसी कर्ज से ग्राहकों को लोन देते हैं। बता दें कि रेपो रेट कम होने का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे। जबकि रिवर्स रेपो रेट इसके उलट होता है। रिवर्स रेपो रेट वे दर है, जिस पर बैंकों की ओर से जमा पर RBI से ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट के जरिए बाजार में लिक्विडिटी कंट्रोल किया जाता है।

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