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CBFC : सेंसर बोर्ड के CEO पद से कार्यमुक्त हुए रविंद्र भाकर, रिश्वतखोरी के केस से जुड़ा है मामला !

एंटरटेनमेंट डेस्क। सेंसर बोर्ड के CEO रविंद्र भाकर के अपने पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। उनसे इस्तीफा देने का अनुरोध किया गया था और रेलवे में अपने पिछले पद पर लौटने के लिए कहा गया है। रवींद्र रेलवे विभाग से सेंसर बोर्ड में आए थे। भटकर के अचानक अपने पद से पीछे हटने का कारण अब तक साफ नहीं हो पाया है। इस मामले को सेंसर बोर्ड पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों से जोड़ा जा रहा है।

CEO के पद से कार्यमुक्त हुए रविंद्र भाकर

सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन के CEO रविंद्र भाकर को पद से कार्यमुक्त कर दिया गया है। भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन और ब्रॉडकास्टिंग ने नोटिस जारी कर उन्हें सीईओ पद छोड़कर उनके पिछले पद पर लौटने के लिए कहा है। इस पद से हटाए जाने के पीछे का कारण अभी बताया नहीं गया है।

रिश्वतखोरी मामले से किया जा रहा है लिंक

वहीं कुछ दिनों पहले तमिल एक्टर विशाल ने सीबीएफसी अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था। विशाल ने आरोप लगाते हुए बताया था कि उन्हें अपनी तमिल फिल्म मार्क एंटनी के हिंदी वर्जन को सर्टिफाइड कराने के लिए सेंसर बोर्ड को 6.5 लाख रुपए का भुगतान करना पड़ा था। जिसके बाद से इस मामले में जांच शुरु कर दी गई थी।

आरोप के बाद सीबीआई ने शुरू की जांच

सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोपों में कुछ सीबीएफसी अधिकारियों और तीन अन्य के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने अन्य तीन व्यक्तियों की पहचान मर्लिन मेनगा, जीजा रामदास और राजूत के रूप में की है। इसमें शामिल सीबीएफसी (CBFC) कर्मियों के नामों का खुलासा अब तक नहीं किया गया है। सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, मेनगा ने अन्य दो के साथ मिलकर सितंबर में शिकायतकर्ता से 6.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के लिए अज्ञात सीबीएफसी अधिकारियों के साथ साजिश रची थी।

(इनपुट – सोनाली राय)

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