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हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए अब मिलेट, होलग्रेन और मल्टीग्रेन पास्ता

वर्ल्ड पास्ता डे: पास्ता लवर्स की पसंद मैक्रोनी, स्पेगिटी पेने और रिगाटोनी

प्रीति जैन – पास्ता को लेकर अक्सर यही सोचा जाता है कि यह सिर्फ मैदे से बनता है लेकिन अच्छी क्वालिटी का पास्ता अब मल्टीग्रेन, होलग्रेन व सूजी से भी बनने लगा है। होटल्स में शेफ अब मिलेट व रागी पास्ता भी बना रहे हैं ताकि हेल्थ कॉन्शियस लोग भी पास्ता मजे से खा सकें। इसके अलावा ड्यूरम गेहूं से भी पास्ता बनाया जाता है, जो कि गेहूं की ऊपरी परत होती है, इसे दरदरा पीसकर सूजी तैयार की जाती है। वहीं, पास्ता विभिन्न आकार और रूपों में उपलब्ध होता है जैसे कि स्पेगेटी, पेने, फेटुचिनी और मैक्रोनी आदि। हेल्थ कॉन्शियस लोग इसे वेजीस के साथ मिक्स करके खाना पसंद करते हैं ताकि यह डाइजेशन में आसान हो। वर्ल्ड पास्ता डे पर शेफ व न्यूट्रीशनिस्ट से जाना कि पास्ता को हेल्दी बनाने के लिए वे क्या करते हैं और मार्केट में किस तरह की वैराइटी उपलब्ध है।

पास्ता की पसंद की जाने वाली पॉपुलर वैराइटीज

यूं तो दुनिया भर में 300 से ज्यादा तरह के पास्ता मिलते हैं लेकिन मुख्य रूप से खाए जाने वाले पास्ता में सबसे ज्यादा पसंदीदा कुछ पास्ता भरपूर चीज व सॉसेज के साथ तैयार होते हैं। इसमें से कुछ पास्ता इस तरह हैं, जो कि अपने आकार के कारण अलग- अलग होते हैं।

  • मैक्रोनी
  • फारफेल
  • स्पेगिटी
  • फुसली (स्प्रिंग)
  • पेने
  • रिगाटोनी

बीटरूट व पालक फ्लेवर में भी आ रहा पास्ता

भी आ रहा पास्ता जो लोग प्लेन पास्ता नहीं खाना चाहते उनके लिए ग्लूटेन फ्री पास्ता में बीटरूट व पालक के रंग व स्वाद वाले पास्ता भी आ रहे हैं, जो कि मल्टीग्रेन से बने होते हैं। इसका स्वाद भले ही रेगुलर पास्ता जैसा न लगे लेकिन सेहत के लिहाज से यह बेहतर हैं। इसके अलावा मिलेट पास्ता और रागी पास्ता भी हम हेल्थ कॉन्शियस कस्टमर्स की डिमांड पर बनाते हैं, जिसमें सभी नेचुरल इंग्रीडिएंट्स होते हैं, लेकिन पास्ता बच्चों को चीज से भरा चाहिए होता है। – ललित डेहरिया, शेफ

पास्ता भी बन सकता है हेल्दी मील

ड्यूरम व्हीट से बने पास्ता मैदे के पास्ता के बेहतर होते हैं क्योंकि यह गेहूं की बाहरी परत से तैयार किए जाते हैं, लेकिन यह ग्लूटेन फ्री नहीं होते। अधिकांश मार्केट में हेल्दी पास्ता के रूप में यही पॉपुलर रहते हैं। अब खड़ी मूंग व सोयाबीन की कच्ची फली से तैयार पास्ता भी बनने लगे हैं, जो कि स्पेगेटी के रूप में मिलते हैं। इसके पैकेट्स कई फार्म कंपनियां आॅनलाइन उपलब्ध करा रही हैं। पास्ता को कुक करने से पहले पानी में भिगोकर रख दें ताकि इसका ज्यादा से ज्यादा स्टार्च निकल जाए। वहीं इसे प्लेन चीज सॉस के साथ कुक करने की बजाए शिमला मिर्च, गाजर तो कभी ब्रोकली, कॉर्न व पनीर के छोटे-छोटे पीस कर इसे हेल्दी बनाएं। कोशिश करें कि होलग्रेन या मल्टीग्रेन पास्ता चुनें। यह सामान्य पास्ता से महंगे होते हैं लेकिन यदि सेहत को ध्यान में रखते हैं तो इन्हें लेना ठीक रहता है। वहीं, पास्ता के सॉस को भी घर पर बनाए ताकि पास्ता हेल्दी रहे। होलग्रेन पास्ता में कैलोरी कम होती है व फाइबर की अधिकता होती है, जिससे यह गट हेल्थ के लिए ठीक रहता है। मैदा या गेहूं के पास्ता में कार्ब्स की अधिकता के कारण यह ब्लड शुगर लेवल को हाई करता है इसलिए कोशिश करना चाहिए कि रेगुलर पास्ता खाने की बजाए इसे हμते में एक या दो बार ही खाएं। -डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, न्यूिट्रशनिस्ट

इटली से चलन में आया पास्ता

आज हम जो पास्ता खाते हैं मूलत: पास्ता वैसा नहीं था। शुरुआत में पास्ता शब्द इटली के पारंपरिक नूडल्स के लिए इस्तेमाल किया जाता था। 5वीं शताब्दी में पहली बार पास्ता बना और 1740 में वेनिस में पहली बार पास्ता फैक्ट्री स्थापित की गई। हालांकि पास्ता 18वीं सदी के अंत में टमाटर सॉस और पास्ता की पहली रेसिपी सामने आई।

रेड लेंटिल से बने पास्ता

रेड लेंटिल यानी मसूर दाल से बने पास्ता में न तो व्हीट होता है न ही मैदा और राइस। यह पूरी तरह से दाल से बने होते हैं। इसके अलावा चने से बने पास्ता भी हेल्थ कॉन्शियस लोगों के लिए अच्छा विकल्प हैं। इनका कलर भी दाल के रंग जैसा ही होता है, जिसकी वजह से यह देखने में भी अलग नजर आते हैं।

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