अंतर्राष्ट्रीय

मुस्लिमों को लेकर पाक पीएम की सच्चाई आई सामने! इमरान खान ने माना-बीजिंग पर निर्भर है पाकिस्तान की विदेश नीति

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान विटंर ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में शामिल होने के लिए चार दिन के दौरे पर बीजिंग पहुंचे थे। इसके आखिरी दिन उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इसके बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ताइवान, दक्षिण चीन सागर, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत पर चीन की नीतियों का समर्थन करता है। चीन का सहयोग लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों पर हो रहे अत्याचार का भी समर्थन कर दिया है। इसके बाद अब उनके खुद के देश में उनकी आलोचना हो रही है।

चीन पर लगे आरोपों को भी किया खारिज

पाकिस्तान ने विश्व के करीब 243 संगठनों के उन आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया जो कि शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के बाद चीन पर लगे हैं। बता दें कि चीन की इस कठोर नीति को लेकर कई पश्चिमी देशों के साथ विवाद है। कई पश्चिमी देश बीजिंग की इन नीतियों की कड़ी आलोचना करता आया है।

पाकिस्तान-चीन की गहरी दोस्ती बनी रहेगी!

पीएम इमरान ने चीन के बेल्ट एंड रोड परियोजना की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) ने पाकिस्तान के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नेताओं ने इस बात की भी पुष्टि की कि पाकिस्तान और चीन के बीच घनिष्ठ रणनीतिक संबंध और गहरी दोस्ती हमेशा बनी रहेगी।

चीन ने भी पाकिस्तान को सहयोग करने का वादा किया

चीन ने भी पाकिस्तान की संप्रभुता और सुरक्षा पर साथ देने का वादा किया। इतना ही नहीं चीन ने सामाजिक आर्थिक विकास में सहयोग की भी बात कही। चीन ने पाकिस्तान की विदेश नीति का भी समर्थन किया। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने शनिवार को कहा कि पड़ोस की कूटनीति में चीन के लिए पाकिस्तान ‘प्राथमिक’ स्थान रखता है।

कश्मीर मुद्दे पर हुई बात

इमरान ने इस मुलाकात में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) में आ रही अड़चनों और चीनी वर्कर्स पर हो रहे हमलों के बारे में भी बात की। कश्मीर को लेकर चीन की तरफ से कहा गया कि वो किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है और कश्मीर मुद्दे को ठीक से और शांति से हल करने का आह्वान करता है।

कौन हैं उइगर मुसलमान?

उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यक तुर्क जातीय समूह से ताल्लुक रखते हैं। इनकी भाषा तुर्की है। ये मूल रूप से मध्य और पूर्व एशिया के निवासी हैं। चीन में जिन 55 अल्पसंख्यक समुदायों को आधिकारिक पर मान्यता दी गई है, उइगर उनमें से ही एक हैं। उइगर मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी चीन के शिनजियांग क्षेत्र में रहती है।

उइगर मुसलमानों पर चीन में होता है अत्याचार…

चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर पूर्व चीनी अधिकारी जियांग ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए थे। एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा था कि चीन के डिटेंशन सेंटर में उइगर मुसलमानों को कुर्सी और रस्सी से बांधकर रखा जाता है। इसके अलावा चीनी अधिकारियों की शर्त नहीं मानने पर पुलिसकर्मी इन पर कोड़े बरसाते हैं। यहां तक कि इन्हें सोने तक नहीं दिया जाता है, महिलाओं से भी बर्बरता की जाती है।

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