
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा लोकसभा चुनावों तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहेंगे। भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें सेवा विस्तार देने का फैसला लिया गया। इसके तहत वे जून 2024 तक पार्टी अध्यक्ष के पद पर रहेंगे।
नड्डा से पहले पहले अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। मई 2019 में शाह मोदी सरकार में शामिल हुए। इसके बाद पार्टी की नीति के तहत उन्होंने पद छोड़ा और नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। बाद में 20 जनवरी 2020 को जेपी नड्डा को पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया गया। नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा था।
शाह ने की घोषणा
जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाने की घोषणा गृह मंत्री अमित शाह ने की। उन्होंने कहा- नड्डा जी के नेतृत्व में पार्टी ने 120 चुनाव लड़े। इनमें से 73 में जीत हासिल की। उनके नेतृत्व में पार्टी ने अपनी पैठ बढ़ाई और यश भी बढ़ाया। शाह ने कहा- 2024 में पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और नड्डा जी के संगठनात्मक नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ेगी।
उत्तर पूर्व में सरकारें बनीं
शाह ने कहा- जेपी नड्डा जी के नेतृत्व में उत्तर पूर्व में कई राज्यों में सरकार बनी, लेकिन संगठन का काम रह गया था। इसी दौरान भाजपा ने 1.30 लाख बूथों को मजबूत किया। उन्होंने तेलंगाना में भाजपा के लिए अच्छा माहौल बनाया। हर घर तिरंगा पहुंचाने के अभियान में कार्यकर्ताओं ने देशभक्ति दिखाई और इसका असर पूरे देश में दिखा।
प्रचंड बहुमत का लक्ष्य
2019 के चुनावों में अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में पार्टी ने रिकॉर्ड जीत हासिल की थी। इस बार नड्डा के समने इस रिकॉर्ड को तोड़ने का लक्ष्य है। नड्डा राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही संगठन को जमीनी मजबूती देने में लगे हैं। अब 2024 का लक्ष्य उनके सामने है, ऐसे में नड्डा ने पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा की दो दिवसीय चली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाजपा का टारगेट इस साल होने वाले 9 राज्यों के चुनाव रहे। नड्डा ने कहा- पार्टी को इस साल सभी 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करनी है। यहीं से हम 2024 के लिए मजबूत पिच तैयार होगी।
इस साल 9 राज्यों में चुनाव
2023 में मध्यप्रदेश समेत 9 राज्यों में चुनाव होने हैं। इनमें मध्य प्रदेश, कर्नाटक और त्रिपुरा में BJP की सरकार है। इनके अलावा नागालैंड, मेघालय और मिजोरम में क्षेत्रीय पार्टियां सत्ता में हैं। हालांकि, यहां भाजपा के सहयोग से सरकारें हैं। चुनावी राज्य राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस तो तेलंगाना में केसीआर (KCR) की पार्टी तेजंगाना राष्ट्र समिति (TSR) की सरकार है।
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