चंडीगढ़। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने अपने पद से शनिवार को इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज दिया है। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए यह इस्तीफा दिया है। उन्होंने 2021 में पंजाब के 36वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।
पुरोहित ने अपने इस्तीफे में बताया कारण
पुरोहित ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में कहा, “अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार कर मुझे उपकृत करें।”
पंजाब के 36वें राज्यपाल बने थे पुरोहित
भाजपा से लंबे समय से जुड़े रहे बनवारी लाल पुरोहित ने 21 अगस्त 2021 को पंजाब के 36वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। तब पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि शंकर झा ने पंजाब राजभवन में बनवारीलाल पुरोहित को पद की शपथ दिलाई थी। उन्होंने एक सितंबर 2021 को अपना पद संभाला। वह 2 साल 5 महीने 2 दिन पंजाब के राज्यपाल रहे। इससे पहले वह वर्ष 2017 से 2021 तक तमिलनाडु और वर्ष 2016 से 2017 तक असम के राज्यपाल रहे। पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल 1940 को राजस्थान के नवलगढ़ में हुआ था।
पुरोहित तीन बार रहे हैं लोकसभा सांसद
पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल 1940 को राजस्थान के नवलगढ़ में हुआ था। पुरोहित ने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप कॉटन स्कूल, नागपुर और राजस्थान से की। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य की डिग्री प्राप्त की। उनकी सक्रिय राजनीति में काफी रुचि थी और उन्होंने महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्र विदर्भ की लगातार उपेक्षा के खिलाफ लड़ने के लिए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। उन्होंने 1978 में नागपुर पूर्व क्षेत्र से और 1980 में नागपुर दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीता। 1982 में, उन्होंने महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास, स्लम सुधार और आवास राज्य मंत्री के रूप में काम किया। 1984, 1989 और 1996 में वह तीन बार नागपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे और उन्हें सबसे अधिक प्रश्नों के साथ सबसे सक्रिय लोकसभा सांसद के रूप में चुने गए।
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