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मालवा-निमाड़ के पास सत्ता की चाबी, 66 सीटों पर शाह की नजर

खोया हुआ जनाधार पाने भाजपा की नई रणनीति, बूथ स्तर पर कर रहे कसावट

भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मालवा निमाड़ अंचल की 66 सीटों पर सारा फोकस कर दिया है। भाजपा हाईकमान की ओर से स्वयं चुनाव की कमान संभाल रहे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को इंदौर में रहेंगे। इस दौरान इंदौर में दिन भर वह अंचल की सभी सीटों का लेखाजोखा और चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे। अमूमन किंगमेकर की भूमिका में रहने वाला मालवा-निमाड़ अंचल ही तय करता है कि प्रदेश की सत्ता पर कौन राज करेगा। 2013 के चुनाव में भाजपा को यहां 57 सीटों पर सफलता मिली थी जबकि 2018 में यह संख्या गिरकर 27 रह गई और उसके हाथ से सत्ता फिसल गई हालांकि बाद में राजनीतिक स्थिति बदली और 15 माह बाद वह फिर सत्ता पर काबिज हो गई।

लेकिन इस बार भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 में से 22 सीटें इसी अंचल से आती हैं। केंद्रीय मंत्री शाह इंदौर पहुंचकर बूथ सम्मेलन के जरिए मैदानी कार्यकर्ताओं से मुखातिब होंगे। इस बैठक में 37 विधानसभा क्षेत्रों से बूथ कार्यकर्ताओं को बुलाया गया है। इसके बाद वह संभाग के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में भी शामिल होंगे। बीच में भगवान परशुराम की जन्म स्थली जानापाव भी जाएंगे। दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम में उनका फोकस 66 में से ज्यादातर सीटों पर जीत पक्की करने को लेकर है। मालवा-निमाड़ भाजपा का गढ़ जरूर माना जाता है लेकिन 2018 के चुनाव में यहां कांग्रेस ने ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था।

क्षेत्र में संघ भी सक्रिय

बदली हुई परिस्थितियों में खोया हुआ जनाधार पाने के लिए भाजपा ने चुनाव के लिए कई कार्यक्रम बनाए हैं। पश्चिमी मप्र के इंदौर-उज्जैन संभाग के 15 जिलों में फैले इस अंचल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी सक्रिय है। उसके आनुषांगिक संगठन विभिन्न कार्यक्रम भी चला रहे हैं। 2013 के विस चुनाव में यहां भाजपा ने 57 सीटें जीतकर सत्ता की हैट्रिक लगा दी थी जबकि कांग्रेस केवल 7 सीट पर सिमट गई थी। जबकि 2018 में स्थिति पलट गई और कांग्रेस बढ़कर 36 पर आ गई और भाजपा में हिस्से में 27 सीटें ही बची। 3 सीटों पर निर्दलीय काबिज हुए थे।

जमीनी हकीकत समझने की कवायद

भोपाल में दो दौर की मैराथन बैठक कर चुके शाह ने अब मालवांचल के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं से जमीनी हकीकत समझने का कार्यक्रम बनाया है। तीन सप्ताह में उनका यह तीसरा प्रवास है। अपनी चर्चित मिडनाइट बैठकों में वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादवकेंद्री य मंत्री अश्विनी वैष्णव सहित मुरलीधर राव, कैलाश विजयवर्गीय और कोर ग्रुप के प्रमुख नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। साथ ही चुनावी रणनीति और सत्ता-संगठन की तैयारियों की समीक्षा भी कर ली।

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