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रामलला के इंतजार में 40 साल नंगे पांव चले बलराम

अब 22 जनवरी को अयोध्या में सरयू स्नान कर पहनेंगे जूते, 16 वर्ष की उम्र में लिया था संकल्प

दमोह। कहते हैं कि भक्त की जिद के आगे स्वयं भगवान को भी झुकना पड़ता है और भगवान स्वयं अपने भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। कुछ ऐसा ही वाकया बटियागढ़ निवासी 56 वर्षीय रामभक्त बलराम पांडे के साथ भी हुआ है। इन दिनों बलराम की भगवान राम के प्रति आस्था के चर्चे नगर सहित पूरे जिले में चल रहे हैं। दरअसल, बलराम पांडे ने 40 साल पहले प्रतिज्ञा ली थी कि, जब तक अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं बनेगा, तब तक जूते- चप्पल नहीं पहनूंगा। अब जबकि, अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयार है, तो 22 जनवरी को बलराम अयोध्या जाएंगे और वहां पवित्र सरयू नदी में स्नान करने के बाद रामलला के दर्शन करेंगे, इसके बाद वे जूते पहनेंगे। राम मंदिर बनने के साथ ही अब उनका यह संकल्प पूरा हो गया है।

भगवान को टेंट के नीचे चबूतरे पर देख लिया था संकल्प

बलराम पांडेय ने बताया कि उनके पूर्वज अयोध्या में ही रहते थे। बाद में परिवार दमोह जिले के बटियागढ़ में आकर बस गया। इस बीच, बलराम पांडे अक्सर अयोध्या जाते रहते थे। जब उनकी आयु 16 वर्ष थी, तब वर्ष 1983 में वे परिजनों के साथ अयोध्या गए थे। वहां उन्होंने देखा कि भगवान श्रीराम एक चबूतरे पर टेंट के नीचे बैठे हैं। अयोध्या में राम मंदिर की जमीन के मालिकाना हक का विवाद न्यायालय में था। तब उन्होंने वहीं संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं हो जाता वे नंगे पैर ही चलेंगे।

50 लोगों के साथ जाएंगे अयोध्या: बलराम पांडे

बलराम पांडे ने बताया कि उनका संकल्प पूरा हो रहा है। 22 जनवरी को भगवान श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। यदि भीड़ के चलते 22 जनवरी के आसपास नहीं जा पाए तो वे बाद में 50 लोगों के साथ जाएंगे। सरयू नदी में स्नान करने के बाद भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे। उसके बाद ही वह पैर में जूते पहनेंगे।

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