
स्पाइसजेट की फ्लाइट्स में एक के बाद एक आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को लेकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने बड़ा एक्शन लिया है। DGCA की ओर से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कंपनी को अपने 50% विमान को ही संचालित करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि ये आदेश डीजीसीए ने स्पाइसजेट को आठ सप्ताह की अवधि के लिए दिया है।
कारण बताओ नोटिस जारी
DGCA ने 6 जुलाई को स्पाइसजेट को 19 जून से उसके विमान में तकनीकी खराबी की कम से कम 8 घटनाओं के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया था। डीजीसीए के नोटिस पर बयान देते हुए स्पाइसजेट के सीएमडी अजय सिंह ने कहा था कि जिन घटनाओं पर उन्हें नोटिस जारी किया गया है वो घटनाएं छोटी हैं और ऐसा हर एक एयरलाइन के साथ होता है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि इसमें कुछ भी अलग नहीं है।
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आगे उन्होंने कहा कि जब आपके पास हजारों उड़ानें हों तो कभी AC का खराब हो जाना, कभी किसी पक्षी का विमान से टकरा जाना और फ्यूल इंडिकेटर का प्रकाश करना आम बात है। हालांकि, हम इस पर काम कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस पर काबू पा लें। बता दें कि स्पाइसजेट की तरफ से डीजीसीए को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बाद महानिदेशालय ने ये आदेश जारी किया है।
उड़ाने बंद करने को लेकर दायर हो चुकी है याचिका
जानकारी के मुताबिक, 18 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की गई थी कि स्पाइसजेट की सभी उड़ानें एक के बाद एक खराबी के बीच रोक दी जाएं। याचिका में ये भी कहा गया था कि कोई बड़ी घटनाएं ना हों इसलिए उड़ानें रोक दी जानी चाहिए, नहीं तो जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। याचिका में आगे कहा गया था कि स्पाइसजेट सुरक्षित, कुशल और विश्वसनीय एयर सर्विस देने में विफल रही है। बता दें कि ये याचिका वकील राहुल भारद्वाज द्वारा दायर की गई थी।