
नेपाल में दुर्घटनाग्रस्त हुए तारा एयरलाइन के प्लेन के मलबे की तस्वीर सोमवार को सामने आई। तस्वीर आने के बाद नेपाली मीडिया ने दावा किया कि प्लेन में सवार सभी लोगों की मौत हो चुकी है। प्लेन का मलबा मुस्तांग इलाके के कोबन में मिला है। दुर्घटनास्थल से सोमवार को 21 शव बरामद कर लिए गए। विमान में चार भारतीयों समेत 22 यात्री सवार थे।
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मौसम बिगड़ने से हुआ हादसा
रविवार को तारा एयर का एक विमान चार भारतीयों समेत 22 यात्रियों को लेकर पोखरा से उड़ान भरने के 15 मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। नेपाल के नागरिक विमानन प्राधिकरण ने प्रारंभिक जांच में बिगड़े हुए मौसम को दुर्घटना का कारण बताया है। नेपाल नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के मुताबिक, विमान का मलबा मुस्तांग जिले के थसांग-2 में मिला है। विमान जब 14,500 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था तभी किसी पहाड़ी से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
21 शव किए गए बरामद
काठमांडू न्यूज एजेंसी के अनुसार, मलबे से 21 शव बरामद हो चुके हैं। इन शवों में से 10 को कोवांग लाया गया है। नेपाली सेना अन्य एजेंसियों के साथ शवों की तलाश में जुटी है। प्लेन में क्रू मेंबर्स सहित करीब 22 लोग सवार थे। इनमें 4 यात्री भारत, 2 जर्मनी और 13 नेपाल के थे। फ्लाइट में चालक दल के 3 सदस्य भी थे। विमान 30 साल से अधिक पुराना था।
प्लेन में सवार थे ये 4 भारतीय
दुर्घटनाग्रस्त विमान में महाराष्ट्र के ठाणे के एक ही परिवार के चार लोग भी यात्रा कर रहे थे। उनकी पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी, बेटा धनुष और बेटी रितिका के रूप में हुई है।
जांच के लिए कमेटी का गठन
खराब मौसम के चलते विमान हादसे की जांच के लिए नेपाल सरकार ने पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इसका नेतृत्व सीनियर एयरोनाटिकल इंजीनियर रतीश चंद्र लाल सुमन करेंगे।
कब टूटा था संपर्क ?
जानकारी के अनुसार, विमान ने 9.55 बजे उड़ान भरी थी, जिसके बाद सुबह करीब 10.35 बजे विमान से संपर्क टूट गया था। मुख्य जिला अधिकारी नेत्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि, विमान को मुस्टांग जिले में जोमसोम के आसमान के ऊपर देखा गया था और फिर माउंट धौलागिरी की ओर मोड़ दिया गया था, जिसके बाद इसका संपर्क टूट गया।