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Mahakumbh 2025 : मकर संक्रांति पर पहला अमृत स्नान, स्टीव जॉब्स की पत्नी समेत 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी

प्रयागराज। महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो चुकी है। पहला अमृत स्नान (शाही स्नान) मंगलवार (14 जनवरी) सुबह 6.15 बजे से शुरू हुआ। मकर संक्रांति के मौके पर विभिन्न अखाड़ों के नागा साधुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई। संगम पर डुबकी के लिए देश के कोने-कोने से करोड़ों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। एपल को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल ने भी संगम में डुबकी लगाई। इसी के साथ 1 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी चुके हैं

संन्यासी हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू लिए हुए हैं। उनके शरीर पर भभूत लगी हुई है। वे घोड़े और रथ पर सवार होकर संगम की ओर बढ़ रहे हैं। “हर-हर महादेव” का जयकारा लगाते हुए नागा साधु-संत संगम पहुंच रहे हैं।  वे रास्ते में करतब भी दिखा रहे हैं।

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विदेशी श्रद्धालु भी पहुंचे

रूस की एक और श्रद्धालु नृत्य तरंगिनी ने कहा, ‘मूल रूप से मैं रूस से हूं लेकिन मैं वृंदावन में रहती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं क्योंकि इस महाकुंभ मेले में भाग लेने का यह एक दुर्लभ अवसर है। क्योंकि यह बहुत खास है, हम सनातन धर्म का ज्ञान दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं।’

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सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा पंचायती निर्मल अखाड़ा

  • तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा सुबह 9.40 बजे शिविर से निकलकर 10.40 बजे घाट पर पहुंचेगा और 30 मिनट स्नान करने के बाद 11.10 बजे घाट से निकलकर 12.10 बजे शिविर में पहुंचेगा।
  • अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा सुबह 10.20 बजे शिविर से निकलकर 11.20 बजे घाट पर पहुंचेगा और 50 मिनट स्नान करने के बाद 12.10 बजे घाट से निकलकर 1.10 बजे शिविर में वापस आएगा।
  • अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा सुबह 11.20 बजे शिविर से निकलकर 12.20 बजे घाट पर पहुंचेगा। 30 मिनट तक स्नान करने के बाद 12.50 बजे वापस आएगा और 1.50 बजे शिविर में पहुंचेगा।
  • श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा दोपहर 12.15 बजे अपनी छावनी से निकलकर 1.15 बजे घाट पर पहुंचेगा। 55 मिनट तक स्नान करने के बाद यह 2.10 बजे घाट से निकलकर 3.10 बजे छावनी पर पहुंचेगा।
  • इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन निर्वाण की बारी है, जो 1.20 बजे छावनी से निकलकर 2.20 बजे घाट पर पहुंचेगा। यहां एक घंटे तक स्नान करने के बाद यह 3.20 बजे घाट से निकलकर 4.20 बजे छावनी पर पहुंचेगा।
  • श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में अमृत स्नान करेगा.। यह अखाड़ा 2.40 बजे छावनी से निकलकर 3.40 बजे घाट पर पहुंचेगा। 40 मिनट तक स्नान के बाद यह 4.20 बजे घाट से रवाना होगा और 5.20 बजे शिविर में पहुंचेगा।

26 फरवरी तक चलेगा महाकुंभ

यह महाकुंभ 12 साल बाद हो रहा है, लेकिन संतों का कहना है कि इस बार 144 साल बाद एक बेहद खास मुहूर्त बना है, जो समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। यह महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा। इस धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन में 45 दिन के दौरान 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, इस बार महाकुंभ में 15 लाख से ज्यादा विदेशी श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

महाकुंभ में इन तारीख को होगा शाही स्नान

महाकुंभ का पहला शाही स्नान 13 जनवरी (पूस पूर्णिमा )के दिन होगा।
14 जनवरी (मकर संक्रांति )के दिन शाही स्नान।
29 जनवरी (मोनी अमावस्या) के दिन शाहीस्नान।
03 फ़रवरी (बसंत पंचमी) के दिन शाही स्नान।
12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) के दिन शाही स्नान।                                                                                            26 फरवरी (महाशिवरात्रि )के दिन शाही स्नान किया जाएगा।

महाकुंभ को लेकर क्या है मान्यता

मान्यता है कि, कुंभ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। समुद्र मंथन से जो अमृत निकला, उसे पाने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच 12 साल तक युद्ध हुआ। इस युद्ध के दौरान अमृत की कुछ बूंदें जिन-जिन स्थानों पर गिरीं, वहां कुंभ मेला आयोजित होता है। चूंकि युद्ध 12 साल तक चला, इसलिए कुंभ मेला हर 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ के स्नान को शाही स्नान के नाम से जाना जाता है।

144 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में होने वाला महाकुंभ बेहद खास माना जा रहा है, क्योंकि इस बार 144 साल बाद एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसका संबंध समुद्र मंथन से माना जाता है, जिस दौरान देवताओं और राक्षसों ने अमृत के लिए संघर्ष किया था। इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है जो कि उस समय समुद्र मंथन के दौरान भी बनी थी।

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