राष्ट्रीय

झारखंड में सियासी संकट गहराया, बैगों में सामान लेकर सीएम हाउस पहुंचे यूपीए विधायक

खरीद-फरोख्त के डर से छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे विधायक, बसें तैयार

रांची। झारखंड में सियासी संकट (Political crisis in Jharkhand) गहरा गया है। झामुमो नेता और सीएम हेमंत सोरेन (Hemant soren) की विधानसभा सदस्यता राज्यपाल द्वारा रद्द किए जाने के बाद महागठबंधन के तमाम विधायक शनिवार को सीएम आवास पहुंचे। बताया जा रहा है कि सभी को एकसाथ रखने के लिए यूपीए ने इन्हें कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ भेजने की तैयारी की है।

सरकार गिराने की कोशिशों के आरोप लगा चुके हैं हेमंत

झारखंड में महागठबंधन सरकार बनने के बाद से हेमंत सोरेन अपनी सरकार गिराने की साजिश रचने के तमाम आरोप लगा चुके हैं। कांग्रेस के दो विधायकों ने पिछले दिनों 20-20 करोड़ रुपए के बदले पाला बदलने के ऑफर देने के आरोप लगाए थे। ऐसे में महागठबंधन विधायकों को टूटने नहीं देने पर पूरा फोकस कर रहा है। कांग्रेस और झारखंड सरकार में शामिल दूसरे दल लगातार कह रहे हैं कि झामुमो जिसे भी सीएम बनाएगा, हम उसे मुख्यमंत्री के तौर पर स्वीकार करेंगे। लेकिन इसके बाद भी सरकार को डर है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है। रांची से जो तस्वीरें आ रही हैं, उसके मुताबिक गठबंधन के विधायक तमाम विधायक अपने साथ बैग्स में सामान लेकर सीएम हाउस पहुंचे हैं। इनके लिए बसें तैयार हैं। सोरेन के अयोग्य घोषित होने के बाद उनकी पत्नी को सीएम बनाने की चर्चा है।

झारखंड के लातेहार जिले के विधायक रामचंद्र सिंह की गाड़ी में रखा बैग।

सोरेन के आवास पर बैठकों का दौर

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक भविष्य को लेकर लगाई जा रही अटकलों के बीच उनके आवास पर शुक्रवार से ही बैठकों का दौर जारी है। यूपीए के करीबी सूत्रों ने बताया कि बैठक में यह सुनिश्चित करने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई कि सरकार को कोई खतरा न हो। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में अहम सहयोगी दल कांग्रेस के कुछ नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास से बचने के लिए विकल्प के तौर पर उन्हें पश्चिम बंगाल, बिहार या छत्तीसगढ़ जैसे राज्य के किसी रिजॉर्ट में ठहराने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है।

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