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स्कूल नमाज पढ़ने की जगह नहीं… MP की संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर बोलीं- कड़ी कार्रवाई करेंगे

भोपाल। भोपाल में जहांगीराबाद स्थित सीएम राइज रशीदिया स्कूल में टीचर्स द्वारा नमाज पढ़ने के मामले में मीडिया से चर्चा में मध्य प्रदेश की संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि कल मुझे आप लोगों के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली थी। उसके परीक्षण के लिए मैंने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। यदि कोई ऐसी घटना घटित हुई है तो जो भी इसमें शामिल हों उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। इस देश का संविधान इस बात की इजाजत नहीं देता। जो स्थान जिस काम के लिए सुनिश्चित किया गया है वहीं पर वो काम होने चाहिए।

क्या है मामला ?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जहांगीराबाद स्थित सीएम राइज रशीदिया स्कूल में मंगलवार को दो टीचर्स ने क्लास के अंदर नमाज पढ़ी। नमाज पढ़ते समय बच्चों को क्लास रूम से बाहर कर दिया। बताया जा रहा है कि ऐसा यहां रोज होता है। जबकि, बाकि क्लास में बच्चे पढ़ते हुए मिले। वहीं सीएम राइज स्कूल में 2 टीचरों द्वारा नमाज पढ़ने के मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया।

नोटिस भेजेंगे : प्रियंक कानूनगो

इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि क्लास में धार्मिक गतिविधि करना कानूनन गलत है। अगर ऐसा हो रहा है, तो हम संज्ञान लेंगे और नोटिस भेजेंगे। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- बच्चों की पढ़ाई के मूल कार्य रोक कर स्कूलों में इस प्रकार की गतिविधि नहीं करना चाहिए। आयोग द्वारा संज्ञान ले कर संबंधित अधिकारियों को नोटिस प्रेषित करने की कार्यवाही की जा रही है।

संस्कृति बचाओ मंच ने दी चेतावनी

संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि सीएम राइज रशीदिया स्कूल में जिस प्रकार से जानकारी सामने आई है कि यहां टीचर्स नमाज पढ़ते हैं। नमाज पढ़ने के समय बच्चों को बाहर कर दिया जाता है। संस्कृति बचाओ मंच इसका विरोध करता है। इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। क्या शिक्षा के मंदिर को भी आप धर्म का क्षेत्र बना रहे हैं। तो वहां पर मस्जिद बना दीजिए। कल से आप बच्चों से कहेंगे जिस प्रकार हम नमाज पढ़ रहे हैं, आप भी नमाज पढ़िए। संस्कृति बचाओ मंच शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है। नहीं तो संस्कृति बचाओ मंच के नेतृत्व में सभी स्कूलों में हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। अभी चैत्र की नवरात्रि आएगी तब आरती की जाएंगी। इस प्रकार से शिक्षा के मंदिर और धार्मिकस्थलों में भेदभाव क्या रह जाएगा। सबके पास अपने-अपने प्रार्थना स्थल हैं। वहां नमाज पढ़िए। लेकिन, अगर स्कूलों में नमाज पढ़ेंगे तो इसे संस्कृति बचाओ मंच बर्दाश्त नहीं करेगा।

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