
देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देहरादून के राजीव गांधी स्टेडियम में 38वें नेशनल गेम्स का भव्य उद्घाटन किया। इससे पहले अल्मोड़ा के रहने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय खेलों की मशाल ‘तेजस्विनी’ सौंपी। रंगारंग ओपनिंग सेरेमनी में देशभर से आए खिलाड़ियों और दर्शकों ने इस ऐतिहासिक पल को अनुभव किया।
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा,‘‘जब कोई देश खेल में आगे बढ़ता है तो देश की साख भी बढ़ती है और प्रोफाइल भी बढ़ता है। यहां कई रिकॉर्ड टूटेंगे, नए रिकॉर्ड बनेंगे लेकिन यह राष्ट्रीय खेल सिर्फ खेल स्पर्धा नहीं बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत मंच भी है।”

देवभूमि आज और दिव्य हो उठी : मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन समारोह में कहा, ‘देवभूमि आज और दिव्य हो उठी है। बाबा केदार की पूजा के साथ नेशनल गेम्स शुरू हो रहे हैं। ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष है। इस युवा राज्य में देश के कोने-कोने से आए हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की तस्वीर दिख रही है। ये नेशनल गेम्स एकता के प्रतीक और ग्रीन गेम्स भी हैं, जिनमें पर्यावरण अनुकूल चीजों का उपयोग हो रहा है।’
एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत मंच : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हम खिलाड़ियों के लिए भी ज्यादा से ज्यादा मौके बना रहे हैं, ताकि वे अपने सामर्थ्यों को और निखार सकें। आज सालभर में कई टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं। खेलों इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट जोड़े गए हैं। खेलों इंडिया यूथ गेम्स की वजह से युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। यहां कई रिकॉर्ड टूटेंगे, नए रिकॉर्ड बनेंगे, लेकिन यह राष्ट्रीय खेल सिर्फ खेल स्पर्धा नहीं बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का मजबूत मंच है।
उत्तराखंड ने यूसीसी लागू की है : मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा- ये नेशनल गेम्स का आयोजन यहां देवभूमि उत्तराखंड में हो रहा है यहां पर जो दर्शक देश के दूसरे हिस्से आएंगे और वे उत्तराखंड के तीसरे हिस्सों में जाएंगे। यानी इससे सिर्फ खिलाड़ियों का फायदा नहीं होता बल्कि इससे अर्थव्यवस्था भी ग्रो करती है। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड तेजी से प्रगति कर रहा है। कल ही उत्तराखंड देश का ऐसा राज्य बना है जिसने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू की है।
भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा
पीएम मोदी ने कहा, “भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। जब भारत में ओलंपिक आयोजित होगा है, तो वो भारत के खेल को एक नए आसमान पर लेकर जाएगा।”
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे संतोष है कि आज देश फिट इंडिया मूवमेंट के माध्यम से फिटनेस और हेल्दी लाइफ स्टाइल के लिए जागरूक हो रहा है।”

खास झलकियां और भागीदारी
- उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और IOA की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
- परेड ऑफ स्टेट्स में सभी राज्यों के खिलाड़ियों ने भाग लिया।
- 2,025 स्कूली बच्चों ने शंखनाद और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
- करीब 25,000 दर्शक कड़ाके की ठंड के बावजूद समारोह देखने पहुंचे।

गोल्फ कार्ट से लगाया स्टेडियम का चक्कर
सजी हुई गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का चक्कर लगाने के बाद मोदी को पारंपरिक पहाड़ी टोपी, शॉल और खेलों के शुभंकर मौली और पदकों की प्रतिकृति वाला स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खड़से और उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य इस मौके पर मौजूद थीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में गुजरात और 2023 में गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों का भी उद्घाटन किया था। इस बार की मेजबानी न केवल उत्तराखंड की संस्कृति को प्रदर्शित कर रही है, बल्कि भारत के खेल इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रही है।
36 खेलों में हिस्सा लेंगे 9800 खिलाड़ी
दरअसल, 14 फरवरी तक चलने वाले इन राष्ट्रीय खेलों में 9,800 खिलाड़ी 36 खेलों में 450 स्वर्ण पदकों के लिए मुकाबला करेंगे। प्रमुख खिलाड़ियों में निशानेबाज स्वप्निल कुसाले और सरबजोत सिंह, बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन शामिल हैं। हालांकि, भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु और निशानेबाज मनु भाकर जैसे बड़े नाम इस बार हिस्सा नहीं ले रहे हैं, जिससे नए खिलाड़ियों के लिए अपनी छाप छोड़ने का अवसर मिलेगा।
उत्तराखंड के लिए विशेष अवसर
राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड के लिए बेहद खास है, क्योंकि राज्य अपने गठन की 25वीं वर्षगांठ मना रहा है। राज्य के पक्षी ‘मोनाल’ से प्रेरित शुभंकर ‘मौली’ इन खेलों की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
प्रदर्शनी खेल और पर्यावरण अनुकूल पहल
इस बार चार प्रदर्शनी खेल- कलारीपयट्टू, योगासन, मल्लखंभ और राफ्टिंग शामिल किए गए हैं, जिनमें पदक नहीं दिए जाएंगे। इसके साथ ही, खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ बनाने के लिए पर्यावरण फ्रेंडली उपायों को अपनाया गया है।