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वंदे भारत एक्सप्रेस को PM मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, जान लें इस सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन की खूबियां

भोपाल। मध्य प्रदेश को पहली सेमी हाई स्पीड वंदे भारत की सौगात मिलने जा रही है। वंदे भारत एक्सप्रेस अब पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अप्रैल को वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

इसके पहले रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन का नंबर तय कर दिया है। भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन का नंबर 20171 होगा, जबकि नई दिल्ली से आरकेएमपी के लिए ट्रेन का नंबर 20172 होगा। रेलवे ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। जानें हाईस्‍पीड ट्रेन की खूबियां…

7.45 घंटे में तय करेगी दिल्ली का सफर

वंदे भारत एक्सप्रेस 52 सेकंड में 100 की स्पीड पकड़ लेती है। यह ट्रेन रानी कमलापति (आरकेएमपी) से शुरू होकर नई दिल्ली तक जाएगी। ट्रेन 694 किलोमीटर का सफर 91.35 की एवरेज स्पीड से चलकर 7.45 घंटे में तय करेगी। इसी के साथ नई दिल्ली से वंदे भारत ट्रेन 90.38 प्रति घंटा की एवरेज स्पीड से आरकेएमपी स्टेशन पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन 7.50 घंटे का समय लेगी। इस ट्रेन में 16 बोगी है, जिसमें कुल 1128 यात्री एक साथ बैठ सकते हैं। 14 एसी चेयर कार और 2 एग्जीक्यूटिव क्लास कोच है।

ट्रेन में नहीं है चेन खींचने का सिस्टम

इस ट्रेन में अन्य ट्रेनों की तरह चेन खींचने का सिस्टम नहीं है। एक इमरजेंसी टॉक बैंक यूनिट बना है। इसमें जैसे ही पैसेंजर बटन को दबाएगा तो उसकी एलईडी बिल्किंग बंद हो जाएगी और लाइट ऑटोमैटिक रेड हो जाएगी। जिससे पैसेंजर सीधे ड्राइवर से बात कर सकता है। इसके बाद ट्रेन का रेलवे स्टॉफ चाबी से अलार्म को न्यूट्रल करेगा।

वंदे भारत ट्रेन की विशेषताएं

ट्रेन में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी कोच में सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ट्रेन के पूरी तरह से रुकने पर ही ट्रेन के ऑटोमैटिक दरवाजे खुलेंगे। ऐसे ही ट्रेन के सभी दरवाजे बंद हो जाने के बाद ही ट्रेन चलना शुरू करेगी। हर कोच में एक टीवी स्क्रीन भी लगाई गई है। कोच में इंटरनेट के लिए ऑनबोर्ड वाई-फाई की सुविधा दी गई है। ट्रेन पूरी तरह से साउंडप्रूफ रहेगी।

दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष सुविधा

हाई स्पीड ट्रेन में भोजन की भी सुविधा मिलेगी। इस ट्रेन में जीपीएस आधारित उन्नत यात्री सूचना प्रणाली भी है जो आपको आने वाले स्टेशनों और सूचनाओं के बारे में अपडेट करेगी। ट्रेन में स्वच्छता की समस्या को हल करने के लिए जैव वैक्यूम शौचालय बनाया गया है। कोच में दिव्यांगों के लिए अनुकूल स्थान उपलब्ध कराया गया है। ट्रेन के कोच में डिब्बों में व्हीलचेयर पार्क करने के लिए स्थान होंगे, ताकि दिव्यांग को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

इमरजेंसी में ऐसे खोले सकेंगे दरवाजे

  • आपातकालीन स्थिति में कांच तोड़ने के लिए प्रत्येक कोचे में हथौड़े दिए गए हैं।
  • ट्रेन के पूरी तरह ठहरने तक प्रतीक्षा करें।
  • फिर लाल पैनल के कांच को तोड़ें और लाल हैंडल को तीर के निशान की ओर घुमाएं।
  • दरवाजे में दिए हैंडल स्लाट का उपयोग करके दरवाजे को एक ओर खिसकाएं।
  • यह तय करें कि बगल के ट्रैक पर कोई ट्रेन नहीं आ रही है।

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