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पीएम मोदी बोले-1 लाख से ज्यादा डिपॉजिटर्स को सालों से फंसा उनका पैसा वापस मिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘डिपॉजिटर्स फर्स्ट: गारंटीड टाइम-बाउंड डिपॉजिट इंश्योरेंस पेमेंट अप टू 5 लाख रुपए’ समारोह को संबोधित किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि आज देश के लिए बैंकिंग सेक्टर के लिए और देश के करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर्स के लिए महत्वपूर्ण दिन है। दशकों से चली आ रही एक बड़ी समस्या का कैसे समाधान निकाला गया है,आज का दिन उसका साक्षी बन रहा है। बता दें कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री और RBI गवर्नर भी मौजूद रहे।

1300 करोड़ का भुगतान किया : पीएम मोदी

कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बताया कि 1 लाख से ज्यादा ऐसे डिपॉजिटर्स जिनका पैसा बैंकों में फंस गया था। उन्हें कुल 1300 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इस दौरान पीएम मोदी ने डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) एक्ट के तहत बैंक में जमा करने पर मिलने वाली 5 लाख रुपए की गारंटी के बारे में जानकारी दी।

आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है : PM

आज विज्ञान भवन में हुए कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है। लेकिन सालों तक एक प्रवृत्ति रही कि समस्याओं को टाल दो। आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है।

सरकार ने संवेदनशीलता के साथ रिफॉर्म किए : PM

पीएम मोदी ने कहा, पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में सालों लग जाते थे। हमारे निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और गरीबों ने इस समस्या को झेला है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ बदलाव किए और रिफॉर्म किए।

अब 5 लाख तक वापस की गारंटी

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम सिर्फ 50,000 रुपए तक की राशि पर ही गारंटी थी। फिर इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए का दिया गया था। हमने इस राशि को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है।

भारत ने देश के हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई : PM

पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि ऐसे अनेक सुधार हैं, जिन्होंने 100 साल की सबसे बड़ी आपदा में भी भारत के बैंकिंग सिस्टम को सुचारु रूप से चलाने में मदद की है। जब दुनिया के समर्थ देश भी अपने नागरिकों तक मदद पहुंचाने में संघर्ष कर रहे थे, तब भारत ने तेज गति से देश के करीब-करीब हर वर्ग तक सीधी मदद पहुंचाई।

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