नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंदर यादव ने नया तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (QES) सोमवार को जारी किया। सर्वेक्षण के अनुसार पिछले सात सालों में संगठित क्षेत्र की नौकरियों में 4 प्रतिशत की साल दर साल बढ़ोतरी हुई है। सर्वेक्षण के मुताबिक, जून तिमाही में कंस्ट्रक्शन (निर्माण), मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ, एजुकेशन, रेस्टोरेंट, आईटी/बीपीओ, फाइनेंशियल सर्विस के सेक्टर में 3 करोड़ आठ लाख लोग काम कर रहे हैं। नए तिमाही रोजगार सर्वेक्षण में फाइनेंशियल सर्विसेज के सेक्टर को जोड़ा गया है।
2013-14 से अब तक अर्थव्यवस्था के नौ ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। छठे आर्थिक सर्वे में अर्थव्यवस्था के 9 संगठित सेक्टर में 2.37 करोड़ वर्करों के होने का उल्लेख था। 13-14 के सर्वे में जनवरी 13 से लेकर अप्रैल 14 तक के आंकड़े शामिल किए गए थे।
और क्या सामने आया रोजगार सर्वे में
- 25 मार्च से 30 जून 2020 के दौरान कोविड की पहली लहर में करीब 27% कंपनियों में छंटनी हुई।
- लॉकडाउन के दौरान 81% वर्करों को पूरी सैलरी मिली।
- लॉकडाउन के दौरान 16% वर्करों को घटी हुई सैलरी मिली।
- तीन फीसदी कामगारों को कोई सैलरी नहीं मिली।
- कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 27% वर्करों को कम सैलरी पर काम करना पड़ा।
- 9 फीसदी वर्करों को वेतन मिला ही नहीं।
- 90% से ज्यादा वर्कर्स को हेल्थ और फाइनेंशियल सेक्टर में पूरी सैलरी मिली।