इंदौरताजा खबरमध्य प्रदेश

इंदौर : हादसे को न्यौता देता नगर निगम, कर्मचारी की जान की भी परवाह नहीं… ड्रेनेज में उतरकर कर्मचारी गंदगी साफ करने को मजबूर

हेमंत नागले, इंदौर। इंदौर नगर निगम छह बार स्वच्छता में नंबर वन आ चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम के ऐसे कर्मचारी जो कि ड्रेनेज लाइन और गंदगी में उतरने पर अब भी मजबूर हैं। करोड़ों की मशीनें, इंदौर नगर निगम को मिली हुई हैं। लेकिन, इसके बावजूद भी नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी को इन जहरीली गैस से भरी हुई ड्रेनेज लाइन में उतरने पर मजबूर कर देते हैं। अधिकारियों से बात की जाए तो वह कोई जवाब नहीं देते हैं और निगम अधिकारियों के फोन तक नहीं उठते हैं।

यह दृश्य है इंदौर रीगल चौराहे, रानी सराय का जहां पुलिस कंट्रोल रूम है और दो पुलिस डीसीपी इस रानी सराय दफ्तर में बैठते हैं। तीन दिनों से यहां ड्रेनेज लाइन बंद पड़ी हुई है, नगर निगम द्वारा कई बड़े पंप लाकर पानी खाली करने की कोशिश की गई। जेसीबी की मदद से इसे हटाया गया। लेकिन, 2 दिनों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है। हद तो तब हो गई जब शनिवार को नगर निगम के कर्मचारी को इस ड्रेनेज लाइन में उतारा गया और ठेकेदार द्वारा उससे ही बाल्टी से कचरा निकाला गया।

नगर निगम दे रहा हादसे को न्यौता

इससे पहले भी इंदौर में कई बार नगर निगम कि ड्रेनेज लाइन में साफ-सफाई के वक्त कई निगम कर्मचारियों की मौत हो चुकी है और उसके बाद निगम अधिकारी यह कहते हैं कि उनके पास हाईटेक मशीनें हैं और गंदगी साफ करने के लिए उसका इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, यहां हालात कुछ और हैं। शायद 7वें दमके के लिए नगर निगम जद्दोजहद कर रहा है, लेकिन एक कर्मचारी अभी भी गटर साफ करा रहा है। दृश्य में आप भी देख सकते हैं कि नगर निगम के पास ऑटोमेटिक मशीन, रोबोट और कई ऐसे संसाधन हैं जिससे कि वह छोटी सकरी जगह की गंदगी को साफ करता है। लेकिन, एक कर्मचारी की जान को जोखिम में डालते हुए निगम के यह अधिकारी साफ दिखाई दे रहे हैं।

जिम्मेदारी किसकी ?

अब बड़ा सवाल यह है कि यदि ऐसे में इस छोटे से ड्रेनेज लाइन के अंदर जहरीली गैस से निगम कर्मचारी की मौत हो जाती तो जिम्मेदारी ठेकेदार की होगी या फिर निगम अधिकारी कि, इसका जवाब किसी के पास नहीं है…।

संबंधित खबरें...

Back to top button