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बीमारी का बहाना कर बच रहे थे चुनाव ड्यूटी से, कलेक्टर ने सीआरएस का प्रस्ताव मांगा तो ऐसी एप्लिकेशन मिलना बंद

शैलेन्द्र वर्मा – इंदौर। चुनाव में ड्यूटी लगने के साथ ही उससे बचने के बहानों की शुरुआत भी हो गई है। ड्यूटी से बचने के लिए अलग-अलग बीमारी के बहाने के साथ एप्लिकेशन आ रही हैं। हालांकि, इन पर सख्ती करते ही ऐसे प्रार्थना पत्र की संख्या शून्य हो गई। कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति (सीआरएस) का प्रस्ताव विभाग प्रमुखों को प्रस्तुत करने के निर्देश के बाद दूसरे दिन ही बीमारी का कारण बताते हुए छुट्टी मांगने का एक भी आवेदन नहीं मिला। लेकिन अब शादियों के लिए छुट्टी मांगी जा रही है।

छुट्टी के लिए ये हैं बहाने

वृद्ध माता पिता का घर में अकेले होना, सिर दर्द, बाइपास सर्जरी, घबराहट होना, रिश्तेदारों की शादी, विदेश यात्रा पहले से प्लान, निर्वाचन कार्य अनुभव नहीं, माता बीमार होना, बहन-भाई की शादी होना, लंबी नहीं कम दिन की डयूटी लगाएं आदि।

माइग्रेन के कारण मांगी छुट्टी

जिला आयुष कार्यालय इंदौर की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंजु अग्रवाल ने स्वस्थ होने तक छुट्टी की एप्लिकेशन दी थी। वे बीमारी के कारण चुनाव ड्यूटी नहीं करना चाहती थीं। इस पर कलेक्टर ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव देने को कहा।

निर्वाचन कार्य मुक्ति के लिए आयोग द्वारा मापदंड तय हैं। सबसे पहले उनका पालन किया जाता है। इसके बाद जो आवेदन आ रहे हैं उन पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है। ऐसे कारण जिनका उद्देश्य भय के चलते निर्वाचन डयूटी से मुक्ति है, वहां सख्ती, अनिवार्य सेवा निवृत्ति प्रस्तावित की जा सकती है। – आशीष सिंह, कलेक्टर, इंदौर

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