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जम्मू में 1 साल से रह रहे लोगों के लिए नया आदेश, अब डाल सकेंगे वोट; फैसले पर सियासी बवाल शुरू

जम्मू-कश्मीर में नए वोटरों के लिए अधिसूचना जारी होने के बाद से ही सियासी बवाल शुरू हो गया है। जम्मू जिला प्रशासन की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक, जिले में जो भी शख्स एक साल से अधिक समय से रह रहा है, उसे नए वोटर के रूप में रेजिस्टर किया जाएगा।

क्या है इसके पीछे का मकसद?

नए आदेश के मुताबिक, अगर कोई बाहरी व्यक्ति भी एक साल से अधिक समय तक जम्मू में रहता है तो उसे वोटिंग का अधिकार मिल जाएगा। मंगलवार को जम्मू जिला उपायुक्त अवनी लवासा की ओर से जारी आदेश में तहसीलदारों या राजस्व के अधिकारियों को आवास प्रमाण पत्र जारी करने के अधिकार दिए गए हैं।

प्रमाण पत्र जारी करने का मकसद उन लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना है, जो रजिस्ट्रेशन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

ये डॉक्यूमेंट्स है जरूरी

आदेश में जिला निर्वाचन आधिकारी और उपायुक्त अवनी लवासा ने उन दस्तावेजों की सूची भी जारी की है, जिन्हें निवास के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है।

  • एक वर्ष के लिए पानी/बिजली/गैस कनेक्शन।
  • आधार कार्ड 3. राष्ट्रीयकृत/अनुसूचित बैंक/डाकघर की वर्तमान पासबुक
  • भारतीय पासपोर्ट
  • किसान सहित राजस्व विभाग का भूमि स्वामित्व रिकॉर्ड
  • रजिस्टर्ड रेंट/लीज डीड (किरायेदार के मामले में)
  • खुद के घर के मामले में रजिस्टर्ड सेल डीड

चुनाव से डर रही मोदी सरकार!

वहीं अब नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस फैसले का विरोध किया है। उनका कहना है कि, मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर की वोटर लिस्ट में 25 लाख नए वोटरों को जोड़ने की कवायद कर रही है। एनसी ने कहा है कि, सरकार 25 लाख गैर स्थानीय लोगों को वोटर लिस्ट का हिस्सा बनाने वाली है, हम इस फैसले का विरोध करते हैं। बीजेपी चुनावों से डर रही है और जानती है कि वह बुरी तरह हार जाएगी।

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