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बलगम में आ रहा था खून, जांघ के रास्ते फेफड़े में कैथेटर डाल 15 मिनट में खून की नली को किया ठीक; CM शिवराज ने हमीदिया के डॉक्टरों को दी बधाई

- हमीदिया अस्पताल में पहली बार इस तकनीक का उपयोग कर किया गया इलाज

भोपाल। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में बुधवार को एक मरीज में खांसी के दौरान आ रहे खून को रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया। मरीज की जांघ की महाधमनी (आर्टरी) के रास्ते फेफड़े की आर्टरी को ठीक किया गया। टीबी के मरीजों के लिए पहली बार इस तरह की प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है। इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हमीदिया अस्‍पताल के चिकित्‍सकों की सराहना करते हुए उन्‍हें बधाई दी है।

बलगम में खून आने से परेशान था मरीज

जानकारी के अनुसार, पुराने शहर के जावेद खान कुछ दिनों से बलगम में खून आने से परेशान थे। उन्होंने क्षेत्रीय श्वसन रोग संस्थान में डॉ. निशांत श्रीवास्तव को दिखाया। यहां उपचार के बावजूद परेशानी खत्म नहीं हुई। फिर जांच के बाद पता चला कि उनके फेफड़े में इंफेक्शन के कारण आर्टरी में केविटी हो गई थी। इससे आर्टरी में छेद हो गया और खून फेफड़ों में जमा होने लगा था। ऐसे में खांसने पर मुंह से खून आ रहा था।

इंटरवेंशन रेडियोलॉजी विभाग में इलाज

जांच के बाद मरीज को कार्डियोलॉजी विभाग भेजा गया। वहां पर जांच के बाद विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता और रेडियोडाग्नोसिस विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. लवली कौशल ने मरीज का ब्रोंकाइल आर्टरी एम्बुलाइजेशन तकनीक से इलाज करने का निर्णय लिया।

प्रोसीजर में लगे 15 मिनट

डॉ. लवली कौशल ने बताया कि यह प्रोसीजर इंटरवेंशन रेडियोलॉजी विभाग के अंतर्गत किया जाता है। इसमें आर्टरी में तरल पदार्थ या चूर्ण डालकर खून के प्रवाह को रोका जाता है। मरीज की जांघ की आर्टरी में छोटा चीरा लगाकर एक कैथेटर डालकर उसे फेफड़े़ की आर्टरी के पास पहुंचाया गया। यहां खराब जगह पर कैथेटर के माध्यम से तरल पदार्थ डालकर रक्त स्राव को रोका गया। इस तरह 15 मिनट में मरीज को बिना बेहोश किए पूरा प्रोसीजर किया गया।

सीएम शिवराज ने की सराहना

इस सर्जरी के लिए सीएम शिवराज ने भी हमीदिया के डॉक्‍टरों को बधाई दी है। सीएम ने कहा कि सरकारी अस्‍पतालों की आलोचना करना बहुत आसान है, लेकिन उनकी उपलब्‍धियों की भी प्रशंसा की जानी चाहिए। हमीदिया अस्‍पताल में पहली बार अत्‍याधुनिक तकनीक का इस्‍तेमाल करके टीबी के मरीजों के इलाज के लिए यह तकनीक आजमाई गई है। जांघ के रास्‍ते फेफड़े में कैथेटर डालकर खून की नली को ठीक किया गया। इसके लिए मैं डाक्टर राजीव गुप्ता, डॉक्टर लवली कौशल और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं।

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