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राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है : केंद्र ने लोकसभा में दी जानकारी

नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि रजिस्ट्रेशन की शर्तों का उल्लंघन करने के कारण विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम (FCRA) के तहत राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। इन्हें फिर से लाइसेंस जारी करने का कोई विचार नहीं है।

सांसदों ने लिखित सवाल में पूछी थी जानकारी

लोकसभा में वी के श्रीकंदन और बेनी बेहनान के सवालों के लिखित उत्तर में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। सांसदों ने पूछा था कि क्या सरकार ने एफसीआरए के तहत राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द कर दिया है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार का इन एनजीओ को फिर से लाइसेंस जारी करने का विचार है? इस पर गृह राज्य मंत्री ने बताया – राजीव गांधी फाउंडेशन के एफसीआरए लाइसेंस को विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम 2010 की धारा 11 के प्रावधानों और धारा 12(4) (क) (6) के तहत पंजीकरण की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के एफसीआरए लाइसेंस को एफसीआरए 2010 की धारा 8 (1) (क), 11, 17, 18, और 19 के प्रावधानों तथा धारा 12 (4) (क) (6) के तहत रजिस्ट्रेशन की शर्तों के उल्लंघन के कारण एफसीआरए की धारा 14 के तहत रद्द किया गया था।

3 साल के लिए नहीं होगा पात्र

इन एनजीओ को फिर लाइसेंस जारी करने के सवाल पर गृह राज्य मंत्री ने जवाब दिया- जी, नहीं। उन्होंने कहा कि एफसीआरए 2010 की धारा 14 (3) के प्रावधानों के अनुसार, जिस एसोसिएशन के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को एफसीआरए 2010 की धारा 14 के प्रावधानों के अनुसार रद्द किया गया है, वह एसोसिएशन रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाने की तरीख से 3 वर्षों की अवधि के लिए रजिस्ट्रेशन या अनुमति दिए जाने के लिए पात्र नहीं होगा।

2018-19 में केरल में हिरासत में होने वाली मौतों में कोई वृद्धि नहीं : राय

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 2018-19 में केरल में हिरासत में होने वाली मौतों की संख्या नहीं बढ़ी है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के हवाले से यह जानकारी दी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कांग्रेस सांसद कुंबाकुडी सुधाकरन के एक लिखित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।

सुधारकन ने पूछा था कि एनएचआरसी के रिकॉर्ड के अनुसार 2018-19 में केरल में हिरासत में होने वाली मौतों में 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्या सरकार का इस पर ध्यान नहीं है। क्या सरकार ने केरल में पुलिस की बर्बरता और मानवाधिकारों के उल्लंघन की हालिया घटनाओं पर ध्यान दिया है, इस सवाल पर राय ने कहा कि पुलिस और लोक व्यवस्था भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार राज्य के विषय हैं। नागरिकों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना मुख्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि, केंद्र सरकार समय-समय पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवायजरी जारी करती है।

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