धर्म

Diwali 2022 : दिवाली पर भगवान गणेश के बिना क्यों अधूरी है लक्ष्मी पूजा? जाने इसके पीछे की वजह

दिवाली की रात मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है। दिवाली का त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाईदूज इन 5 पर्वों का मिलन है। सनातन धर्म में किसी भी पूजा-पाठ में गजानन प्रथम पूजनीय माने गए हैं, लेकिन इसके अलावा भी एक कारण है, जो लक्ष्मी पूजन में विष्णु जी का नहीं गणेश जी का होना जरूरी माना गया है। गणपति की पूजा के बिना दिवाली पर धन की देवी की उपासना अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं इसके पीछे की कथा…

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति।

गणेश के बिना क्यों अधूरी है लक्ष्मी पूजा ?

पौराणिक कथा के अनुसार, बैकुंठ में मां लक्ष्मी और विष्णु जी चर्चा कर रहे थे, तभी देवी ने कहा कि मैं धन-धान्य, ऐश्वर्य, सौभाग्य, सौहाद्र देती हूं। मेरी कृपा से भक्तों को जीवन के सभी सुख मिलते हैं। इसलिए मेरी ही पूजा सर्वश्रेष्ठ है। मां लक्ष्मी के इस अहंकार को विष्णु जी ने भांप लिया और उनके घमंड को तोड़ने का फैसला किया। विष्णु जी ने कहा, देवी आप श्रेष्ठ है, लेकिन संपूर्ण नारीत्व आपके पास नहीं है, क्योंकि जब तक किसी स्त्री को मातृत्व का सुख ना मिले वो उसका नारीत्व अधूरा रहता है। मां लक्ष्मी विष्णु जी की बात सुनकर निराश हो गईं।

मां लक्ष्मी देवी मां पार्वती के पास पहुंची और उन्हें सारी बात बताई। माता पार्वती ने लक्ष्मी जी की पीड़ा देखते हुए अपने एक पुत्र गणेश को उन्हें दत्तक पुत्र के रूप में सौंप दिया। देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न हुईं और उन्होंने भगवान गणेश को अपनी सिद्धियां, धन, संपत्ति, सुख दे दिया। देवी ने कहा कि साधक को धन, दौलत, ऐश्वर्य की प्राप्ति तभी होगी, जब लक्ष्मी के साथ गणेश जी की उपासना की जाएगी, तब से ही दिवाली पर इनकी आराधना की जाती है। गणपति हमेशा लक्ष्मी जी के बाईं ओर विराजमान होते हैं ऐसे में देवी की मूर्ति या तस्वीर लेते वक्त इस बात का ध्यान जरूर रखें।

बुद्धि के बिना धन का सदुपयोग नहीं हो सकता

गणेश जी को बुद्धि के देवता कहा गया है। हिंदू धर्म में कोई पूजा और कर्मकांड गणपति की पूजा के बिना शुरू नहीं किया जाता। दीपावली पर लक्ष्मी के साथ गणपति पूजा की यह भी एक कारण है। साथ ही धन देवी की पूजा से समृद्धि का आशीर्वाद मिलने के बाद व्यक्ति को सद्बुद्धि की आवश्यकता होती है। ताकि, वह धन का उपयोग सही कार्यों के लिए करें। क्योंकि बुद्धि के बिना धन होना व्यर्थ है। इसी प्रार्थना के साथ दीपावली पर गणपति की पूजा की जाती है कि हे प्रथम पूजनीय गणपति हमें सद्बुद्धि प्रदान कर सन्मार्ग पर आगे बढ़ने का वरदान दें।

 

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का महत्व

हम सभी जानते हैं कि मां लक्ष्मी धन की देवी हैं। मां लक्ष्मी की कृपा से ही ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। कार्तिक अमावस्या की पावन तिथि पर धन की देवी को प्रसन्न कर समृद्धि का आशीर्वाद लिया जाता है। दीपावली से पहले आने वाले शरद पूर्णिमा के त्योहार को मां लक्ष्मी के जन्मोत्सव की तरह मनाया जाता है। फिर दीपावली पर उनका पूजन कर धन-धान्य का आशीर्वाद लिया जाता है।

(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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