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पर्यावरण सुधार के लिए काम करने वाले अफसरों पर दर्ज मामले लिए जाएंगे वापस

पीसीबी की कार्रवाई को चुनौती देगा नगरीय प्रशासन विभाग

अशोक गौतम भोपाल। मप्र के 139 नगरीय निकाय अफसरों के खिलाफ अदालतों में दर्ज प्रकरणों को खत्म करने नगरीय प्रशासन विभाग इस्तगासा लगाएगी। प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला मामला सामने आया है, जब विभाग अच्छा काम करने वाले अपने अफसरों को बचाने के लिए पर्यावरण विभाग की कार्रवाई को चुनौती देगा। इसके पहले विधि विभाग से राय भी ली जाएगी।

दरअसल, वर्ष 2011 से 2016 के बीच पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन अफसरों के खिलाफ ठोस अपशिष्ट और जल प्रबंधन को लेकर विभिन्न अदालतों में प्रकरण दर्ज कराए हैं। इनमें भोपाल, देवास और छिंदवाड़ा के निगम आयुक्त सहित नगर पालिका और नगर परिषद के 139 अफसर हैं। इन अफसरों के खिलाफ कोर्ट के नोटिस जारी होने लगे हैं। इसे देखते हुए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग न्यायालय में इस्तगासा लगाने की तैयारी में है।

इस्तगासा में न्यायालय को ये दिया जाएगा तर्क

नगरीय प्रशासन विभाग का तर्क है कि निकायों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। नियमों के अंतर्गत तय की गई समय सीमा इसका पालन करना किसी भी स्थिति में संभव नहीं है। आपराधिक प्रकरण दर्ज होने से निकायों के सीएमओ की पर्यावरणीय विषयों के क्रियान्वयन में रुचि कम हो रही है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए केवल सीएमओ उत्तरदायी नहीं है, इसकी वित्तीय सीमा नियत है। प्रबंधन के क्रियान्वयन में भूमि की उपलब्धता तथा पर्यावरणीय अन्य विषय शामिल हैं। निकायों में स्वच्छता के बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं, स्वच्छता सर्वे- 2022 में प्रदेश को प्रथम स्थान मिला है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके चलते निकाय के अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध परिवाद वापस लिए जाएं।

चार विभागों की बैठक होगी कल

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने कमिश्नरों और नगर पालिका, नगर परिषद के सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को लेकर विधि विभाग, पर्यावरण विभाग और सदस्य सचिव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ 10 अप्रैल को बैठक रखी है। इस बैठक में पर्यावरण प्रबंधन, पुराने कचरे के निस्तारण और ठोस अपशिष्ट तथा जल प्रबंधन को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें निकायों की तरफ से इसके प्रबंधन में उठाए गए कदमों को भी बैठक में रखा जाएगा।

यह है मामला

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नहीं कर पाने पर निकायों को कई बार चेतावनी दी थी। समय सीमा में इसके निवारण के उचित प्रबंध नहीं होने से बोर्ड ने अलग-अलग समय में नगर निगम के कमिश्नर सहित नगर पालिका के139 सीएमओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। अब न्यायालय से उन्हें नोटिस मिलने लगे हैं।

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