अन्यलाइफस्टाइलस्वास्थ्य

World Hypertension Day : आखिर युवाओं में क्यों बढ़ रहा हाइपरटेंशन और हृदय रोगों का खतरा ? जानें वजह

इस भागदौड़ भरी जिंदगी, काम में प्रेशर, खानपान और रहन-सहन में हो रहे बदलाव से युवाओं में हाइपरटेंशन और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। उच्च रक्तचाप के खतरों से दुनिया को जागरुक करने के लिए 17 मई को दुनिया भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। आने वाले समय में युवाओं को अपने दिल का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में स्ट्रोक और इस्कैमिक हृदय रोग से युवाओं की मौत में तेजी आई है।

साइलेंट किलर है हाइपरटेंशन

जानकारी के मुताबिक, हाइपरटेंशन साइलेंट किलर के रूप में मौत का मुख्य कारण बन चुका है। इस समय विश्व में लगभग 128 करोड़ लोग हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे हैं। जिनमें से 8 करोड़ से ज्यादा लोग अकेले भारत में ही हैं।

हाइपरटेंशन होने के मुख्य कारण

हाइपरटेंशन होने के मुख्य कारण हैं अधिक वसा (Fat) व वसायुक्त (Fatty) भोजन का लगातार सेवन करना, एक्सरसाइज ना करना, तनाव, चिंता, डिप्रेशन जैसी मानसिक स्थिति का लगातार बने रहना। बता दें कि हाइपरटेंशन से बचाव और इलाज के लिए जरूरी है कि हम अपने आहार विहार और जीवनशैली में उपरोक्त कारणों को मद्देनजर रखते हुए परिवर्तन करें।

युवाओं में हृदय रोगों के मुख्य कारण

  • धूम्रपान : धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले वयस्क युवाओं में गंभीर दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार ये खतरे को 8 गुना बढ़ा देता है।
  • गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं : जिन महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया, गर्भकालीन मधुमेह, अधिक वजन बढ़ने या समय से पहले प्रसव पीड़ा में वृद्धि का अनुभव होता है, उनमें प्रारंभिक हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
  • उच्च कोलेस्ट्राल : ये एक प्रमुख कारक है, जो युवाओं में हृदय रोग का कारण बन सकता है। उचित आहार नहीं लेने से अंततः शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि होगी जिससे बहुत कम उम्र में कई हृदय रोग पैदा हो सकते हैं।
  • डिप्रेशन : डिप्रेशन के चलते स्‍ट्रेस हॉर्मोन स्रावित होते हैं और ये इंफ्लेमेटरी केमिकल्‍स को बढ़ा देता है, जिसके चलते धमनियां संकीर्ण हो जाती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन द्वारा जारी वैज्ञानिक बयान के अनुसार, डिप्रेशन या बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित किशोरों का ध्‍यान रखा जाना चाहिए, ताकि हृदय रोग का शीघ्र पता चल सके।

ये भी पढ़ें- क्या आपको भी Office में काम करते समय आती है नींद? इन Tips की मदद से कहें नींद को Bye-Bye

संबंधित खबरें...

Back to top button