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आप जिस मुकाम पर हैं, उसमें पैरेंट्स से लेकर टीचर तक का रोल रहा है: प्रो.दीपक धर

आईसर भोपाल के 10 वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न संकायों के बीएस-एमएस (ड्यूल डिग्री) और पीएचडी स्टूडेंट्स को मिली डिग्री

भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) द्वारा शनिवार को 10 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर एनएएसआई-वरिष्ठ वैज्ञानिक व आईआईएसईआर पुणे के प्रोफेसर दीपक धर ने कहा कि आज आप जो कुछ भी हैं, उसमें आपके प्राइमरी टीचर से लेकर हेल्पर तक का रोल है जिसने आप को शिक्षित व आपकी सुविधाओं का खयाल रखा। आपके माता-पिता और परिवार के बिना यह होना मुश्किल था, इसलिए उन्हें कभी न भूलें। पिछली पीढ़ियों ने ज्ञान भंडार एवं ज्ञान व्यवस्था को बनाने में मदद की है।

378 स्टूडेंट्स को मिलीं उपाधियां

इस मौके पर 378 छात्रों को विभिन्न विषयों के लिए उपाधियां प्रदान की गईं । इस अवसर पर वात्सल्य शरण (बीएस-एमएस, भौतिकी विभाग) को सर्वोत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए 2023 के राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। वहीं पदमानव बरुआ (बीएस-एमएस, बायोलॉजिकल साइंस विभाग) को बीएस- एमएस (ड्यूल डिग्री) के सभी विषयों में उत्कृष्ट उपलब्धि और बेहतर नेतृत्व के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इस मौके पर पीएचडी स्टूडेंट्स को बेस्ट थीसिस के लिए सम्मानित किया गया। इस मौके पर कार्यवाहक कुलसचिव गौरव अवस्थी उपस्थित रहे।

इनोवेशन व पेटेंट के लिए कर रहे मोटिवेट

अपने पास्ट और पेरेंट्स को कभी न भूलें। जीवन में कोई भी समस्या या कठिनाई स्थाई नहीं होती इसलिए धैर्य व हार्डवर्क से हर्डल को हटाएं। हमारा संस्थान शीर्ष स्थान की दिशा में आगे बढ़ रहा है और हम अपने प्रयासों से अगले पांच वर्षों में शीर्षस्थ 10 प्रतिशत स्थानों में पहुंच जाएंगे। हम छात्रों इनोवेशन के लिए उत्साहित करते हैं ताकि वे पेटेंट के रूप में अपनी बौद्धिक संपदा का लोहा मनवा सकें । हमारे पास पहले से ही 30 इनोवेशन तकनीक हैं और पांच पेटेंट स्वीकार हो चुके हैं । -प्रो. शिवा उमापति, निदेशक, आईआईएसईआर

मां के बर्थ डे पर मिला प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल

मेरे लिए आज का दिन सबसे खास है क्योंकि मेरी मां का जन्मदिन है और इसी दिन मुझे प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल मिला है जो हर स्टूडेंट की चाहत होती है। मैं दो बार आईआईटी में सिलेक्ट हुआ लेकिन ज्वाइन नहीं किया क्योंकि मैं रिसर्च फील्ड में ही जाना चाहता था। अब मैं यूएसए में पीएचडी करने जा रहा हूं जहां में पार्टिकल्स फिजिक्स में काम करूंगा। पढ़ाई के दौरान खेलकूद ने मुझे तनाव मुक्त रखा। -वात्सल्य शरण, प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल विनर

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