इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर कलेक्ट्रेट में घोटाला : एक करोड़ का गबन पहुंच सकता है 7 करोड़ तक! जांच के घेरे में खाते में ट्रांजैक्शन

हेमंत नागले, इंदौर। सोमवार को इंदौर कलेक्ट्रेट के लेखा शाखा के अकाउंटेंट मिलाप चौहान की एक करोड़ की हेराफेरी का मामला सामने आया है। जहां उन्होंने यह राशि अपनी पत्नी और एक कंपनी के खाते में ट्रांसफर करा दी थी और उसे विड्रोल भी कर लिया था। सरकारी राशि का गबन एक करोड़ नहीं सात करोड़ तक पहुंच सकता है और 4 सालों में यह ट्रांजैक्शन और भी बढ़ सकते हैं।

वहीं अन्य खातों में ट्रांजैक्शन हुए हैं, जांच के बाद यह राशि बढ़ सकती है। इस मामले में इंदौर कलेक्टर द्वारा पुलिस फायर की बात की थी। लेकिन, कलेक्टर का कहना है कि पूरे मामले की जांच हो जाए उसके बाद आगे मिलाप चौहान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इंदौर कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी

इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने एक कमेटी बनाई है। अपर कलेक्टर राजेश राठौर इस मामले में लीड करेंगे। लेखापाल के सभी ट्रांजैक्शन की जांच भी की जा रही है। आरोपी अकाउंटेंट मिलाप चौहान के खिलाफ जल्द एफआईआर भी दर्ज हो जाएगी। कलेक्टर की जांच कमेटी साक्ष्य जुटाने में जुटी हुई है और यह राशि कहां से आई थी और किस खाते से गई है। अब जांच के बाद ही पूरी कहानी साफ हो पाएगी। इसके बाद ही इंदौर कलेक्टर मिलाप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।

ऐसे हुआ खुलासा

जानकारी के अनुसार को लेखा विभाग के अधिकारी कुछ दिन पहले ही शाखा का निरीक्षण करने आए थे। इस दौरान जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान ने मनीषा बाई और एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर के रूप में स्वयं का खाता दिखा दिया। कार्यालय से होने वाले भुगतान इन दोनों खातों में हो गया।

इंदौर कलेक्टर ने बताया कि 3 वर्षों में धीरे-धीरे लेखापाल ने एक करोड रुपए अपनी पत्नी के खाते में डलवा दिया। इस मामले में बाबू को सस्पेंड करने के बाद इंदौर कलेक्टर एफआईआर भी दर्ज करवा सकते हैं। वर्ष 2020 से लेखापाल द्वारा यह गड़बड़ी की जा रही थी, लेकिन इस दौरान किसी ने नहीं पकड़ी। औचक निरीक्षण में पूरे मामले का खुलासा हुआ।

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