
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक जेल में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि नवाब मलिक, उनके भाई असलम मलिक, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी सरदार खान के बीच कई दौर की बैठकें हुई थीं। कोर्ट ने माना कि नवाब मलिक जानबूझकर और सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराध में संलिप्त थे।
प्रॉपर्टी हड़पने की साजिश
विशेष न्यायाधीश राहुल एन रोकाडे ने कहा कि आरोपी नवाब मलिक ने डी-कंपनी के सदस्य यानी हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मुनिरा प्लंबर से संबंधित प्रॉपर्टी हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।
दाऊद इब्राहिम की बहन से की थी मुलाकात
एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ चार्जशीट में ED ने दावा किया है कि मलिक, उनके भाई असलम, दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर और 1993 के सीरियल ब्लास्ट के दोषी सरदार खान के बीच गोवावाला कंपाउंड को लेकर कुर्ला में कई दौर की बैठकें हुईं थीं। इसी संबंध में बाद में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया।
नवाब मलिक ने कथित तौर पर अपने भाई असलम मलिक के माध्यम से गोवावाला परिसर में “कुर्ला जनरल स्टोर” पर कब्जा कर लिया था।
हसीना के बेटे का भी दर्ज है बयान
ED ने हसीना पारकर के बेटे अलीशान के बयान को चार्जशीट का हिस्सा बनाया है जिसमें उसने बताया कि उसकी मां 2014 तक दाऊद के साथ वित्तीय लेनदेन किया करती थी और सलीम पटेल उसके सहयोगियों में से एक था।
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मामला आगे बढ़ाने के निर्देश
विशेष अदालत ने आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए नवाब मलिक और 1993 बम धमाकों के दोषी और सजायाफ्ता सरदार शाहवली खान के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मालूम हो कि ईडी ने अपनी अपनी चार्टशीट में नवाब मलिक और सरदार शाहवली खान को आरोपी बनाया है। संपत्ति की सारी कार्रवाई सरदार खान के माध्यम से ही हुई थी।