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अब किताब खोलकर परीक्षा दे सकेंगे 9वीं से 12वीं तक के छात्र

सीबीएसई ने भेजा ओपन बुक एग्जाम कराने का प्रस्ताव

नई दिल्ली। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 के तहत भारतीय शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े बदलाव होने वाले हैं। एनईपी लागू करने के लिए लाए गए नेशनल करिकुलम फे्रमवर्क (एनसीएफ) की सिफारिशों के मद्देनजर सीबीएसई शिक्षा मूल्यांकन विभाग ने कक्षा 9 से 12 तक के लिए कुछ सीबीएसई स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ओपन बुक एग्जाम (ओबीई) आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है। सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय 2023 में हुई गवर्निंग बॉडी मीटिंग में लिया गया है और पायलट प्रोजेक्ट जल्द ही आयोजित किया जाएगा। सीबीएसई ने साल के अंत में अपने चुनिंदा स्कूलों में ओपन बुक टेस्ट का परीक्षण आयोजित करने की योजना बनाई है। साथ ही 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए नवंबर माह में प्रयोग के तौर पर लाने वाली है। इससे स्टूडेंट्स एग्जाम के समय अपनी किताबें, नोट्स या अन्य स्वीकृत सामग्री साथ में रखकर और उसमें से देखकर परीक्षा दे सकेंगे। बता दें, ओपन बुक परीक्षा का मतलब है कि छात्रों को अपने नोट्स और अन्य पढ़ने और अध्ययन सामग्री का हवाला देते हुए ये परीक्षा देने की अनुमति होगी। यानी एग्जाम दे रहे स्टूडेंट्स बुक और नोट्स से आंसर खोजकर लिख सकते हैं।

दो तरीके से होते हैं ओपन बुक एग्जाम

  1. ओपन बुक एग्जाम दो तरीके से आयोजित किया जाता है। पहला ये कि छात्र विश्वविद्यालय कैंपस में ही बैठकर परीक्षा देते हैं। उन्हें पेपर और आंसर शीट दे दी जाती है। छात्र परीक्षा देते समय अपनी टेक्स्ट बुक व अन्य स्वीकृत सामग्री की मदद ले सकते हैं।
  2. ओपन बुक एग्जाम का दूसरा तरीका है आॅनलाइन परीक्षा। छात्रों को आॅनलाइन पेपर सेट भेज दिए जाते हैं। वे विश्वविद्यालय के विशेष पोर्टल पर जाकर लॉग इन करके परीक्षा देते हैं। इस परीक्षा के दौरान भी छात्र टेक्स्ट बुक्स व नोट्स आदि की मदद ले सकते हैं। समय सीमा समाप्त होते ही आॅटोमैटिक ही पोर्टल से लॉग आउट हो जाते हैं।

आसान नहीं होती ओपन बुक परीक्षा:

ओपन-बुक परीक्षा में छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, पाठ्यपुस्तकें या अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होती है। हालांकि ओबीई आवश्यक रूप से बंद-किताब वाली परीक्षाओं से आसान नहीं हैं। अक्सर वे अधिक चुनौतीपूर्ण होते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक ओपन-बुक टेस्ट किसी छात्र की याददाश्त का नहीं ,बल्कि किसी विषय की उसकी समझ और अवधारणाओं का विश्लेषण या लागू करने की क्षमता का आकलन करता है।

पहले इन विषयों की परीक्षा पर होगा पायलट रन

सीबीएसई ने कुछ स्कूलों में कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान और कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान के लिए ओपन-बुक टेस्ट का एक पायलट रन प्रस्तावित किया है। यह छात्रों द्वारा पूरा करने में लगने वाले समय का मूल्यांकन करने के लिए किया जा रहा है।

जून में बनेगा प्लान, नवंबर दिसंबर में होगी परीक्षा

पायलट रन इस साल नवंबर-दिसंबर में आयोजित होगा। अनुभव के आधार पर बोर्ड यह तय करेगा कि सभी स्कूलों में इसे अपनाया जाना चाहिए या नहीं। बोर्ड जून तक ओबीई के डिजाइन व विकास को पूरा करने की योजना बना रहा है। इसके लिए दिल्ली विवि (डीयू) से परामर्श करने का फैसला किया है।

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