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Adipurush के विवादित डायलॉग्स बदले जाएंगे, मनोज मुंतशिर ने कहा- इसी हफ्ते फिल्म में करेंगे शामिल

नई दिल्ली। ओम राउत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘आदिपुरुष’ एक बार फिर विवादों में घिर गई है। रामायण की कहानी पर बेस्ड फिल्म के रिलीज होने के बाद ही अब इसके डायलॉग्स को लेकर काफी बवाल मचा है। लोगों का कहना है कि फिल्म में ये टपोरी डायलॉग देकर रामायण का मजाक उड़ाया जा रहा है। अब मनोज मुंतशिर ने कहा है कि इसी हफ्ते फिल्म के विवादित डायलॉग बदले जाएंगे और उन्हें फिल्म में शामिल किया जाएगा।

जनता की भावना से बढ़कर कुछ नहीं : मुंतशिर

‘आदिपुरुष’ के डायलॉग लिखने वाले राइटर मनोज मुंतशिर ने शनिवार को अपने डायलॉग्स के बचाव में कहा था कि ऐसी भाषा गलती से इस्तेमाल नहीं हुई, बल्कि ये जानबूझकर किया गया है ताकि यंग ऑडियंस रिलेट कर सके। उन्होंने कहा कि भारत के कई कथावाचक इसी तरह की भाषा में कथा सुनाते आए है। मगर अब मनोज ने फिल्म के डायलॉग्स को लेकर ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है। उन्होंने कहा कि जनता की भावना से बढ़कर उनके लिए कुछ भी नहीं है।

मुंतशिर बोले- भावना रह जाती है

मनोज मुंतशिर ने अपने ट्वीट लिखा- रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या गलत, समय के अनुसार बदल जाता है। भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएं आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहां श्री राम का यशगान किया, मां सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं।

अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई : मुंतशिर

फिल्म ‘आदिपुरुष’ के डायलॉग से नाराज हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर मनोज मुंतशिर को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस मुंतशिर ने लिखा- मेरे ही भाइयों ने मेरे लिए सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वही मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कविताएं पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही मां को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहां से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गए जो हर मां को अपनी मां मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों। हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो। लेकिन, आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाजी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।

… तो सनातन हार जाएगा: मुंतशिर

मनोज मुंतशिर अपने ट्वीट में आगे लिखा- क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियां भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गए तो सनातन हार जाएगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनाई है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।

इसी सप्ताह डायलॉग बदलने का किया वादा

अपने ट्वीट के अंत में मनोज मुंतशिर ने लिखा- ये पोस्ट क्यों? क्योंकि मेरे लिए आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है। मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूं, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी। मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद (डायलॉग) जो आपको आहत कर रहे हैं। हम उन्हें संशोधित करेंगे और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएंगे। श्री राम आप सब पर कृपा करें!

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