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नई ऊर्जा के साथ हारे हुए चेहरों पर झोंकी ताकत

भाजपा और कांग्रेस ने बड़े सियासी फलक पर भी नहीं छोड़ी बदलाव की उम्मीद

भोपाल। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के 11 चेहरे ऐसे हैं जिन पर दोनों ही दलों ने पांच महीने बाद एक बार फिर नई ऊर्जा के साथ बदलाव की उम्मीद लगाई है। मतदाताओं ने भले ही उन्हें खारिज कर दिया हो लेकिन पार्टी ने राजनीतिक समीकरण के मद्देनजर उन्हें बड़ा फलक सौंपकर जिताने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इनमें पहले चरण के मंडला और छिंदवाड़ा सीट के भी भाजपा प्रत्याशी शामिल हैं।

विस चुनाव के चेहरों को मौका

केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मंडला की निवास और सतना सांसद गणेश सिंह को भी उनके ही मौजूदा प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा से हार मिली थी। लेकिन भाजपा ने अपने दोनों नेताओं को बड़े फलक के साथ नई ऊर्जा के साथ मैदान में उतारा है। भोपाल में विस चुनाव हारे भाजपा के आलोक शर्मा पर अब संसदीय चुनाव में पार्टी ने भरोसा जताया है। ग्वालियर में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने विधानसभा चुनाव हारे भारत सिंह कुशवाहा बनाम प्रवीण पाठक के बीच ही लोकसभा चुनाव का मुकाबला तय किया है।

समीकरण साधने फिर सौंप दी गई कमान

होशंगाबाद सीट पर कांग्रेस ने पूर्व विधायक संजय शर्मा पर एक बार फिर भरोसा जताया है। जबकि बंडा में विधानसभा चुनाव के दौरान खेत रहे तरबर सिंह लोधी अब दमोह में ताल ठोक रहे हैं। गुना जैसी हाई प्रोफाइल सीट पर कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के मुकाबले राव यादवेंद्र सिंह यादव हैं। मुंगावली विस चुनाव में राव, सीधी में पूर्व विधायक कमलेश्वर पटेल और मंदसौर में दिलीप सिंह गुर्जर के साथ भी कमोबेश एक जैसी परिस्थितियां हैं।

भाजपा प्रत्याशी

फग्गन सिंह कुलस्ते      मंडला
विवेक साहू बंटी          छिंदवाड़ा
आलोक शर्मा             भोपाल
गणेश सिंह                सतना
भारत सिंह कुशवाहा    ग्वालियर

कांग्रेस उम्मीदवार

संजय शर्मा           होशंगाबाद
तरबर लोधी          दमोह
प्रवीण पाठक        ग्वालियर
कमलेश्वर पटेल      सीधी
राव यादवेंद्र सिंह    गुना
दिलीप सिंह गुर्जर   मंदसौर

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