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उत्तरकाशी टनल हादसा Update : सुरंग में 100 घंटे से फंसे हैं 40 मजदूर… अब उत्तराखंड के उसी इलाके में आया भूकंप, रेस्क्यू के लिए लाई गई अमेरिकी ड्रिल मशीन

देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 100 घंटे से 7 राज्यों के 40 मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। टनल हादसे का आज 5वां दिन है। इसी बीच अब उत्तराखंड में भूकंप के झटकों से धरती हिली है। उत्तरकाशी के सिलक्यारा क्षेत्र में भी इसके झटके महसूस किए गए हैं। ये वही क्षेत्र है, जहां टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम मजदूरों को निकालने के लिए 24 घंटे काम कर रही है।

रेस्क्यू के लिए लाई गई अमेरिकी ड्रिल मशीन

ऊपर से लगातार गिरने वाली ढीली मिट्टी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट पैदा कर रही है। मलबे को रोकने और फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए 14 नवंबर को हाइड्रोलिक जैक और ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद से 900MM यानी 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डालने की कोशिश की गई। हालांकि, इसमें सफलता नहीं मिली।

इसके बाद सेना को इसमें शामिल किया। सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस बुधवार को दिल्ली से हैवी ऑगर मशीन लेकर चिन्यालीसौर हैलीपेड पहुंचा। यहां से मशीन सिलक्यारा लाई गई। 25 टन की हैवी ड्रिलिंग मशीन, ‘अमेरिकन ऑगर्स’ प्रति घंटे पांच से छह मीटर तक ड्रिल करती है।

कैसे हुआ हादसा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई थी। NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह के मुताबिक, साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से हादसा हो गया।

चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम कई घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है।

पाइपलाइन के जरिए पहुंचाया जा रहा खाना-पानी

उत्तरकाशी के CO प्रशांत कुमार के मुताबिक, सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। उन्हें टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन और खाना-पानी पहुंचाया जा रहा है। टनल में जिन राज्यों के मजदूर फंसे हैं उनमें बिहार के 4, उत्तराखंड के 2, बंगाल के 3, यूपी के 8, उड़ीसा के 5, झारखंड के 15, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक श्रमिक शामिल हैं।

घटना की जांच के लिए कमेटी गठित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेबल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा घटना की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी ने आज जांच शुरू भी कर दी है।

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