Navratri 2024 : नवरात्र में 9 अंक का विशेष महत्व है। महिषासुर और देवी दुर्गा का युद्ध 9 दिनों तक चला था। 10वें दिन महिषासुर का वध हुआ। इसलिए नवरात्रि के 9 दिन देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। आइए पंडित आचार्य मनोहर शास्त्री से सुनते हैं नवरात्र का धार्मिक महत्व…
नौ स्वरूप निर्भीकता और शक्ति प्रतीक
नवरात्र में पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की पूजा की जाती है। नवरात्रि के चौथे दिन कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। पांचवे दिन स्कंदमाता, छठे दिन देवी कात्यायनी, सातवें दिन देवी कालरात्रि, आठवें दिन देवी महागौरी और महानवमी वाले दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नौ दुर्गा के ये नौ स्वरूप निर्भीकता, शक्ति, शांति, वीरता, समृद्धि, साहस का प्रतीक है।
नवरात्रि का व्रत कर दूर करें कुंडली के मंगल दोष
अंक ज्योतिष में 9 के अंक का बहुत महत्व होता है। 9, 18, और 27 तारीख को जन्में लोगों का मूलांक 9 होता है, उन पर मां दुर्गा की विशेष कृपा रहती है। अंक 9 का स्वामी मंगल ग्रह पराक्रम, साहस, ऊर्जा, शक्ति जैसे गुणों का कारक माना जाता है। जिसकी कुंडली में मंगल दोष हो तो नवरात्रि का व्रत या पूजा करने से यह दोष दूर हो जाता है। विशेषकर नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा करना चाहिए। स्कंदमाता की विधिवत पूजा के बाद ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम: बीज मंत्र का जाप करने से कुंडली में मंगल मजबूत होकर शुभ परिणाम देने लगता है। 10वें दिन विजयदशमी मनाई जाती है।
शारदीय नवरात्रि में ‘रात्रि’ पूजा का महत्व
नवरात्रि की 9 रातें भी बहुत खास मानी जाती है। इसमें व्यक्ति व्रत, पूजा, मंत्र जाप, संयम, नियम, यज्ञ, तंत्र, त्राटक, योग करके नौ अलौकिक सिद्धियां प्राप्त कर सकता है। पुराणों के अनुसार रात्रि में कई तरह के अवरोध खत्म हो जाते हैं। रात्रि का समय शांत रहता है, इसमें ईश्वर से संपर्क साधना दिन की बजाय ज्यादा प्रभावशाली है। रात्रि के समय देवी दुर्गा की पूजा से शरीर, मन, आत्मा, भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक सुख प्राप्त होता है।