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Uttarkashi Tunnel Rescue Update : रैट माइनर्स ने शुरू की खुदाई… 50 मीटर हॉरिजोंटल ड्रिलिंग पूरी, जल्द मिल सकती है अच्छी खबर

उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद जारी है। रेस्क्यू का आज 16वां दिन है। रेस्क्यू में आ रही दिक्कतों की वजह से उन्हें बाहर निकालने में देरी हो रही है। वहीं अब एक साथ वर्टिकल और हॉरिजोंटल ड्रिलिंग की जा रही है। सब ठीक रहा तो अगले 24 घंटे में अच्छी खबर मिल सकती है। ऑगर मशीन के फेल होने के बाद हाथ से खुदाई कराने का फैसला किया गया।

कितनी हो चुकी है वर्टिकल ड्रिलिंग

हॉरिजोंटल ड्रिलिंग कर रही अमेरिकी ऑगर मशीन के फेल हो जाने के बाद सोमवार को रैट होल माइनिंग एक्सपर्ट को खुदाई के लिए बुलाया गया है। 12  रैट माइनर्स को हॉरिजोंटल ड्रिलिंग में भी कामयाबी मिली है और टीम ने अब तक करीब 4 से 5 मीटर खुदाई की है। 50 मीटर ड्रिलिंग पार की जा चुकी है, अब सिर्फ 8-9 मीटर ड्रिलिंग बाकी है। इसके अलावा सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग 36 मीटर तक हो चुकी है, अब 50 मीटर और होनी है। मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है।

मलबे में फंसी अमेरिकी ऑगर मशीन

उत्तरकाशी में 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से वहां काम कर रहे 41 मजदूर अंदर फंस गए थे। जिन्हें निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन से खुदाई की गई। 24 नवंबर को मजदूरों की लोकेशन से महज 12 मीटर पहले मशीन की ब्लेड्स टूट गई थीं। इस वजह से रेस्क्यू रोकना पड़ा। मशीन की मदद से सुरंग में ड्रिलिंग करके 800 मिमी मीटर व्यास का पाइप डाला जा रहा था, लेकिन ये मशीन करीब 48 मीटर की खुदाई करने के बाद मलबे में फंस गई थी। जिसके बाद मशीन को काटकर बाहर निकाला गया।

टनल में फंसे मजदूरों के लिए करें प्रार्थना : मोदी

पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि, ‘फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। आज जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं और मानवता के कल्याण की बात करते हैं तो हमें अपनी प्रार्थना में उन श्रमिक भाइयों को भी शामिल करना चाहिए जो उत्तराखंड की एक सुरंग में फंसे हुए हैं।’

पाइप के जरिए हर घंटे भेजा जा रहा खाना

बताया जा रहा है कि, मजदूरों के लिए भेजा जा रहा खाना डॉक्टर की निगरानी में बन रहा है। कम तेल और मसालों के साथ इसे तैयार किया जा रहा है, ताकि यह आसानी से पच सके। मजदूरों को हर एक घंटे में खाना दिया जा रहा है। बोतल में भरकर मजदूरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है।

मजदूरों के पास मूव करने के लिए कितनी जगह है ?

जानकारी के मुताबिक, मजदूर सिलक्यारा छोर से अंदर गए थे, जहां से 2340 मीटर की सुरंग बन चुकी है। इसी हिस्से में 200 मीटर की दूरी पर मलबा गिरा है, जो (मलबा) करीब 60 मीटर लंबाई में है। इसका मतलब है कि, मजदूर 260 मीटर दूर फंसे हैं। हालांकि, मजदूरों के पास मूव करने के लिए दो किलोमीटर का इलाका है और 50 फीट चौड़ी रोड है।

टनल में फंसे हैं 8 राज्यों के 41 मजदूर

उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 8 राज्यों के 41 मजदूर फंसे हैं। इसमें उत्तराखंड के 2, हिमाचल प्रदेश का 1, यूपी के 8, बिहार के 5, पश्चिम बंगाल के 3, असम के 2, झारखंड के 15 और ओडिशा के 5 मजदूर शामिल हैं।

कैसे हुआ हादसा

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक निर्माणाधीन टनल धंस गई थी। NDRF के असिस्टेंट कमांडर करमवीर सिंह के मुताबिक, साढ़े 4 किलोमीटर लंबी और 14 मीटर चौड़ी इस टनल के स्टार्टिंग पॉइंट से 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था। उससे आगे कोई प्लास्टर नहीं था, जिसकी वजह से हादसा हो गया।

चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), NDRF, SDRF, ITBP, BRO और नेशनल हाईवे की 200 से ज्यादा लोगों की टीम कई घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है।

घटना की जांच के लिए कमेटी गठित

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाईलेवल मीटिंग की। धामी ने बताया- हम रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से भी घटना की मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अलावा घटना की जांच के लिए उत्तराखंड सरकार ने छह सदस्यीय कमेटी बनाई है। घटना को लेकर कमेटी ने जांच शुरू भी कर दी है।

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