
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता जा रहा है। ट्रंप ने हाल ही में ईरान को चेतावनी दी है कि, अगर उसने अमेरिका के साथ नया परमाणु समझौता नहीं किया, तो उस पर बमबारी की जाएगी। वहीं ईरान ने भी अपनी मिसाइलों को लॉन्च के लिए तैयार कर लिया है और अमेरिका को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
ट्रंप ने दी बमबारी और टैरिफ लगाने की चेतावनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने एक इंटरव्यू में कहा कि, “अगर ईरान समझौता नहीं करता है, तो उस पर ऐसी बमबारी होगी, जैसी उसने पहले कभी नहीं देखी होगी।” ट्रंप ने यह भी कहा कि, अगर ईरान ने उनकी शर्तें नहीं मानीं, तो उस पर सेकेंडरी टैरिफ (द्वितीयक शुल्क) भी लगाया जाएगा।
ट्रंप ने कहा कि “ईरान के पास सिर्फ एक मौका है। अगर वे समझौता करते हैं, तो हम उन पर कोई टैरिफ नहीं लगाएंगे और उनकी अर्थव्यवस्था को बढ़ने देंगे। लेकिन अगर वे ऐसा नहीं करते, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”
ईरान का जवाब: मिसाइलें रेडी टू लॉन्च
ट्रंप की धमकी के बाद ईरान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने अपनी मिसाइलों को अंडरग्राउंड मिसाइल सिटीज में लॉन्च के लिए तैयार कर लिया है।
ईरानी सेना ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “अगर अमेरिका ने पैंडोरा बॉक्स खोला, तो उसे और उसके सहयोगियों को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।”
ईरान की सेना ने हाल ही में अपनी तीसरी अंडरग्राउंड मिसाइल सिटी का वीडियो जारी किया था, जिसमें खैबर शेकेन, कादर-H, सेजिल और पावेह लैंड अटैक क्रूज मिसाइलें नजर आईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन मिसाइलों का इस्तेमाल हाल ही में इजराइल पर हमले में किया गया था।
ट्रंप ने ईरान को लिखी थी चिट्ठी
रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप ने 12 मार्च को UAE के एक दूत के जरिए ईरान को पत्र भेजा था। इसमें ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई को न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत के लिए बुलाया गया था।
हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने अमेरिका के साथ सीधी बातचीत से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ईरान केवल अप्रत्यक्ष बातचीत (इनडायरेक्ट टॉक्स) के लिए तैयार है।
अमेरिका और ईरान के बीच टकराव का इतिहास
- 1953: ईरान में तख्तापलट
अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने ब्रिटेन के साथ मिलकर ईरान के प्रधानमंत्री मोहम्मद मोसाद्दिक को हटाकर शाह रजा पहलवी को सत्ता में बैठाया। इस तख्तापलट का मुख्य कारण ईरान का तेल था।
- 1979: ईरानी क्रांति
आयतुल्लाह रुहोल्लाह खुमैनी के नेतृत्व में ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई और शाह पहलवी को सत्ता छोड़नी पड़ी। इसके बाद अमेरिका और ईरान के रिश्ते खराब हो गए।
- 1979-81: अमेरिकी दूतावास पर हमला
ईरानी छात्रों ने तेहरान में अमेरिकी दूतावास पर कब्जा कर लिया और 52 अमेरिकियों को 444 दिनों तक बंधक बनाकर रखा।
- 2015: परमाणु समझौता (JCPOA)
ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौता हुआ, जिसमें ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने की सहमति दी थी। बदले में अमेरिका ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में ढील दी।
- 2018: ट्रंप ने समझौता रद्द किया
ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद JCPOA से अमेरिका को बाहर कर लिया और ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए।