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तीन दोस्तों की गैंग बेनकाब! किराए पर वाहन लेकर हो जाते थे रफूचक्कर, 1 करोड़ कीमत की 10 लक्जरी कार बरामद; 1 गिरफ्तार, 2 फरार

भोपाल। राजधानी की पुलिस लंबे समय से ऐसे शातिर ठगों की तलाश में थी जो किराए पर वाहन लेते थे और फिर वाहन मालिक को चकमा देकर उसे बेच देते थे। पुलिस के पास लगातार शिकायतें जा रही थीं, लेकिन उसे इस गिरोह के बारे में कोई क्लू नहीं मिल पा रहा था। आखिरकार भोपाल की पुलिस ने एक सुराग के जरिए इस गिरोह को भंडाफोड़ कर दिया। फिलहाल, पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार कर 10 लक्जरी कारें बरामद कर ली हैं। जिनकी कीमत एक करोड़ रुपए हैं। हालांकि, इस गिरोह के दो शातिर सदस्य फिलहाल फरार हो गए हैं। लेकिन पुलिस का दावा है कि जल्द ही उन्हें भी सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा।

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम

मोनिस नायर, आशीष और नितिन सोनी तीनों भोपाल के रहने वाले हैं। जल्द करोड़ पति बनने के लालच में इन्होंने अपराध का नया रास्ता अपनाया। इन्होंने एक रेंटल कंपनी बनाई, जो सोशल मीडिया पर लुभावने विज्ञापनों के जरिए वाहन मालिकों को अपने चंगुल में फंसाती थी। कंपनी के संचालक भारी भरकम किराए और अन्य सुविधाओं का लालच देकर वाहन मालिकों को अपने चंगुल में फंसा लेते और उसका वाहन किराए पर लेकर बेच देते। इस शातिर गैंग ने पुलिस गिरफ्त से बचने और पहचान छिपाने के लिए फर्जी कागजात भी तैयार कर रखे थे। ये इस तरह से वाहन मालिकों के साथ एग्रीमेंट करते कि वाहन के किराए की पहली किस्त दो माह बाद मिलेगी और तब तक वाहन कंपनी के पास ही रहेगा। ऐसे में मोटे किराए के लालच में वाहन मालिक इन्हें अपना गाडियां दे देते, जिन्हें ये बेच देते थे।

पुलिस को और भी खुलासों की उम्मीद

भोपाल की डीसीपी श्रद्दा तिवारी के अनुसार, गैंग ने इनोवेटिव सेल्फ ड्राइव रेंटल कार्स एंड ट्रेवल के नाम पर फर्जी कंपनी बनाई थी। पुलिस ने लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इस कंपनी के कर्ता-धर्ताओं को धर दबोचने के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाईं। इस टीम के हत्थे सबसे पहले मोनिस नायर पिता भगवान सिंह नायर लगा। जिससे पूछताछ की गई तो उसने इस ठगी के काले कारोबार के बारे में पुलिस के सामने सब कुछ उगल दिया। मोनिस के हिरासत में आने की जानकारी लगते ही गैंग के बाकी दोनों सदस्य नितिन और आशीष फरार हो गए हैं। फिलहाल, पुलिस इनकी तलाश में जुटी है और दावा कर रही है कि उनकी गिरफ्तारी के बाद इस तरह के और भी मामलों का खुलासा होगा।

कुछ वाहनों को बेचा कुछ को गिरवी रखा

पुलिस पुछताछ में फिलहाल मोनिस ने बताया है कि वह लक्जरी कार ही इसलिए रेंट पर लेते थे, क्योंकि उसकी काफी अच्छी कीमत मिल जाती थी। इसके साथ ही वे वाहनों के फर्जी कागजात तैयार कर उन्हें दूसरे शहरों में ले जाकर बेचते थे। हालांकि, कुछ वाहनों को गिरवी रखने की भी जानकारी अभी पुलिस के हाथ लगी है, जिसकी तफ्तीश की जा रही है। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि भोपाल के साथ साथ आरोपी ग्वालियर, विदिशा, नरसिंहगढ़, और अशोकनगर जिलों में ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।

ये थे पुलिस द्वारा बरामद किए गए वाहन

  1. अर्टिगा कार – MP 50 C 9005
  2. अर्टिगा कार – MP 09 WM 7848
  3. अर्टिगा कार – MP 04 ED 2938
  4. अर्टिगा कार – MP 48 C 6378
  5. टाटा जे़स्ट कार – MP 04 CT 3270
  6. मारुति बलेनो कार – MP 09 ZM 9124
  7. स्विफ्ट कार – UP 93 BX 3253
  8. टाटा अल्ट्रोज़ – MP 09 ZF 1261
  9. सिआज़ कार – MP 04 CQ 2357
  10. ऑल्टो कार – MP 04 TB 4594

(इनपुट- विवेक राठौर)

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